शहीद जवान का हुआ अंतिम संस्कार, पिता बोले- 1 घंटे में पाक हो सकता है साफ...
- शहीद दीपक का हुआ अंतिम संस्कार
- डीएम दीपक रावत ने दी श्रद्धांजलि
- पिता बोले- पाकिस्तान को दिया जाए मुंहतोड़ जवाब
हरिद्वार: कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान घायल हुए देहरादून के हर्रावाला के रहने वाले जवान दीपक नैनवाल आखिरकार इस दुनिया से विदा हो गए। आज उनका पार्थिव शरीर धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचा। जहां के खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
उनके 4 वर्षीय पुत्र को गोद में लेकर उनके छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने हरिद्वार के डीएम दीपक रावत भी मौके पर पहुंचे। डीएम दीपक रावत ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ है और सरकार भी उनके परिवार साथ है और हरसंभव उनकी मदद की जाएगी।
ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी
वहीं इस मौके पर शहीद जवान के पिता चक्रधर प्रसाद नैनवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा कि अब नहीं देंगे तो कब देंगे। उन्होंने कहा कि हाथ बंधे है नहीं तो एक घंटा में भारतीय सेना पूरे पाक को साफ कर सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है।
इससे पहले शहीद नायक दीपक नैनवाल के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उनके हर्रावाला स्थित आवास पहुंचे। इस दौरान प्रशासन और सेना के अधिकारियों ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी। शहीद दीपक नैनवाल की अंतिम यात्रा में पाकिस्तान मुर्दाबाद और हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे भी लगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जहां एक तरफ बड़े ही कष्ट की बात है कि हमारा एक और नौजवान देश के लिये शहीद हुआ जो मां बाप और बच्चों के सहारा थे पर एक गर्व की बात ये भी है कि हमारे नौजवान सीमाओं पर देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति देने के लिये हर पल तत्पर हैं। शहीद के पिता भी एक पूर्व सैनिक हैं, निश्चित रूप से ये परिवार के लिये दुःखद है। हमारी सरकार की ज़िम्मेदारी है कि हम भी इसकी चिंता करें। हमने पहले ही निर्णय लिया है अगर कोई शहीद होता है तो उसके आश्रित को हम सरकारी नौकरी देंगे।
आपको बता दें कि भारतीय सेना में तैनात दीपक दीपक नैनवाल आतंकियों के साथ 17 घंटे तक चली मुठभेड़ में घायल हुए थे। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनके स्वास्थ्य में ज्यादा सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद उन्हें पुणे के पैराप्लेजिक रिहेब सेंटर ले जाया गया था जहां वो जिंदगी की जंग हार गए।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Haridwar की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।