युवाओं को पहाड़ में ही मिले रोजगार: प्रसून जोशी

संक्षेप:

  • प्रसून जोशी पहुंचे ऋषिकेश
  • बोले- शरीर मुंबई में और आत्मा बसती है उत्तराखंड में
  • स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से भी की मुलाकात

हरिद्वार: तीर्थ नगरी परमार्थ निकेतन पहुंचे फिल्म सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने परिवार के साथ गंगा आरती में भाग लिया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से भेंट कर कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

इस दौरान प्रसून जोशी ने पलायन पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मेरा शरीर मुंबई में और आत्मा उत्तराखंड में ही बसती है। ऋषिकेश परमार्थ निकेतन पहुंचे प्रसून जोशी ने कहा कि युवाओं को पहाड़ में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

उन्होंन कहा कि वरना पलायन के दंश पहाड़ों को सुना कर देगा और धीरे-धीरे पहाड़ों की संस्कृति विलुप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पलायन बढ़ेगा तो पहाड़ों पर होटल संस्कृति का तेजी से विकास होगा जिससे यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य समाप्त होने लगेगा। प्रसून जोशी ने कहा कि मेरा शरीर मुंबई में और आत्मा उत्तराखंड में ही होती है।

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स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की वादियां और पहाड़ की संस्कृति, विरासत को सिनेमा के माध्यम से फिल्म के द्वारा परिभाषित किया जा सकता है। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी को बारे में पता चल सके।

आपको बता दें कि प्रसून जोशी मूलरूप से अल्मोड़ा के जाखनदेवी स्थित स्यूनराकोट मोहल्ला के रहने वाले हैं। उन्होंने दिल्ली 6, तारे जमीन पर, फना, रंग दे बंसती, हम तुम, लज्जा, आंखें, जैसी फिल्मों में सुपरहिट गानों में संगीत देकर सभी का दिल जीता है।

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