जानें क्यों 1 अप्रैल को हरिद्वार आएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद?

संक्षेप:

तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे महाकुंभ पर्व के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। वो एक अप्रैल को हरिद्वार पहुंचेंगे।

हरिद्वार। उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक अप्रैल को हरिद्वार आएंगे। राष्ट्रपति के दौरे का कार्यक्रम तय होने के बाद शासन व पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। राष्ट्रपति एक और दो अप्रैल को पतंजलि योग पीठ, शांति कुंज और परमार्थ निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।

तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे महाकुंभ पर्व के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। वो एक अप्रैल को हरिद्वार पहुंचेंगे। राष्ट्रपति के आने को लेकर शासन व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था व अन्य व्यवस्थाओं की तैयारियों में जुट गया है। इस दौरे पर राष्ट्रपति पतंजलि, शांतिकुंज व परमार्थ निकेतन भी जाएंगे। प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने राष्ट्रपति दौरे की पुष्टि की है।

इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में हरिद्वार आए थे। उन्होंने पत्नी सविता कोविंद के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था। इस दौरान जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की देखरेख में उन्होंने पूजन किया था। 

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संस्थान में सर्वाधिक सीजीपीए प्राप्त करने वाले, विभिन्न गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और उत्कृष्ट शोध कार्य करने के लिए नौ छात्रों को मेडल व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था। सत्र में 2029 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई थी। इनमें 1018 यूजी, 702 पीजी और 309 पीएचडी डिग्री शामिल थे।

उन्होंने छात्रों को संदेश देते हुए कहा था कि आईआईटी जैसे संस्थान के पूर्व छात्र सच्चे अर्थों में नेशन बिल्डर हैं। पूर्व छात्र अपनी मातृ संस्था में योगदान कर सकते हैं और उन्हें करना भी चाहिए। वे सभी सौभाग्यशाली हैं, जिन्होंने यहां से डिग्री ली है, लेकिन उनकी शिक्षा पर आने वाले खर्च का बड़ा हिस्सा करदाताओं ने यानी देश ने खर्च किया है।

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