हरिद्वार में कहीं सड़क तो कहीं शासनादेश को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन

संक्षेप:

  • सड़क को लेकर हरिद्वार में प्रदर्शन
  • लिखित आश्वासन पर भी नहीं हो रहा काम
  • हरिद्वार के व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों में भी भारी रोष

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार जहां यात्रियों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है परन्तु इन दिनों सरकारी उपेक्षाओं की शिकार यह धर्मस्थली अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

बात अगर सड़कों की की जाए तो एक ओर जहां कछुआ चाल से निर्माणाधीन फोरलेन हाइवे से स्थाई लोग और श्रद्धालु आहत हैं तो वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर किस तरह बनी-बनाई सड़कों को खोदकर गड्ढों में तब्दील कर दिया गया है यह हाल पूरी धर्मनगरी का है।

विभागीय लापरवाही का नजारा आज हरिद्वार की पॉश कॉलोनी रामनगर में देखने को मिला जहां पिछले आठ-नौ महीनों से सीवर लाइन डालने को लेकर पूरी सड़क खोद दी गयी थी परन्तु सीवर कार्य पूर्ण होने के बाद सड़क के गड्ढों को मिट्टी डालकर भर दिया गया। सड़क बनाने को लेकर कई बार स्थानीय निवासियों और व्यापारियों द्वारा विभाग को चेताने के बावजूद सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया जबकि विभागीय अधिकारियों को सूचित किये जाने के बाद अधिकारियों की ओर से 16 मई को कार्य आरम्भ करने को लेकर लिखित आश्वासन भी दिया गया था।

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तयशुदा तारीख को कार्य आरम्भ ना करने पर आज रामनगर निवासियों ने आक्रोशित होकर सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि खुदी सड़क होने से जहां स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं व्यापारियों को भी भारी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। जल्द सड़क निर्माण कार्य प्रारम्भ ना होने की दशा में व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने 24 घंटे धरने पर बैठने की चेतावनी भी दी।

वहीं दूसरी तरफ हरिद्वार के व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों में भी भारी रोष है।आज इसी को लेकर व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों ने रानीपुर मोड़ स्थित चंद्राचार्य चौक पर एकत्रित होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शकारियों ने राज्य सरकार द्वारा जल्द ही शासनादेश वापस ना लिए जाने की दशा में व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों द्वारा आमरण अनशन और उग्र आंदोलन किये जाने की चेतावनी भी दी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड शासन के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के हस्ताक्षर से 14 दिसम्बर 2016 को जारी गाइड लाइन एवं बायलॉज में सर्वानंद घाट से शमशान घाट खड़खड़ी व हर की पौड़ी से होते हुए डाम कोठी मायापुर तक और डाम कोठी के पश्चात सटी घाट कनखल होते हुए दक्ष मंदिर तक बहने वाले भाग को स्क्रैप चैनल माना गया है। 

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