जानिए सावन के महीने में भगवना शिव कहां करते हैं निवास?

संक्षेप:

  • बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक के किए गए विशेष प्रबंध
  • सावन में भगवान शिव कैलाश पर नहीं धर्मनगरी में इस जगह करते हैं निवास
  • ये है इसके महत्व

हरिद्वार: सावन का पावन महीना चल रहा है और सभी लोग भक्ति के रंग चुके हैं। साथ ही शिवालयों में आज बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक के विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव कैलाश पर नहीं धर्मनगरी हरिद्वार के कनखल में निवास करते हैं, जो भगवान शिव का ससुराल भी है। लोग मानते हैं कि शिव पूरे सावन के महीने में अपने ससुराल में ही रहते हैं। इसलिए सावन में दक्षप्रजापति महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए खास महत्व है।

सावन की शिवरात्रि को रात्रि जागरण और शिवजी की पूजा मोक्षदायिनी मानी जाती है। वहीं सावन के पावन  महीने में सबसे ज्यादा कांवड़ इसी दिन चढ़ता है। मान्यता है की सावन के एक माह शिव अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति में ही रहते है और इस दौरान जो भी यहां आकर भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामनाए पूरी होती है। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर दक्ष प्रजापति में विशेष सिंगार के साथ महा आरती भी की गई  वहीं यही नजारा हरिद्वार के हर महादेव मंदिर का है।

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जहां शिवभक्तों की लंबी कतारें देखने को मिली। भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक के लिए दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में देर रात्रि से ही भक्त मंदिर खुलने का इंतजार करने लगे। मान्यता है कि शिवरात्रि पर दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में भगवान शिव का विधिविधान ने अभिषेक करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।  ऐसी  मान्यता है कि सावन मास में ही माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी।

सावन  मास में भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानि दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में रहते है  और सावन में कोई भी भगवान का जलाभिषेक और पूजा- अर्चना सच्चे मन से करता है तो उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। इसलिए सावन के महीने में हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रहती है। 

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