राम मंदिर और जिन्ना विवाद पर ये बोले VHP के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे

संक्षेप:

  • वीएचपी के अध्यक्ष पहुंचे हरिद्वार
  • बोले- राम जन्म भूमि हिंदू समाज का संकल्प
  • जिन्ना की तस्वीर विवाद पर भी दिया बड़ा बयान

हरिद्वार: विश्व हिंदू परिषद के नवनिर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की। वीएचपी के अध्यक्ष कोकजे के साथ कार्यकारी अध्यक्ष, महामंत्री और बीएचपी के अन्य कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने अपनी बात की शुरुआत राम जन्मभूमि से ही की। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि हिंदू समाज का संकल्प है। इसीलिए उन्होंने हरिद्वार पहुंचकर मां गंगा से प्रार्थना किया कि गंगा मां उन्हें राम मंदिर बनाने के उद्देश्य में सफलता प्रदान करें। कोकजे ने कहा कि राम मंदिर का मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए केंद्र सरकार फिलहाल चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती। हमें केंद्र सरकार पर किसी भी तरह का टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहिए बल्कि निर्णय का इंतजार करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारे पक्ष में आए।

वीएचपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सदाशिव कोकजे ने हरिद्वार स्थित शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या से मुलाकात के बाद हर की पैड़ी पहुंचकर पूजन किया इसके बाद आज दिन भर हरिद्वार में कई संतों और बीएचपी के कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

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इस मौके पर उन्होंने मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर कहा कि जिन्ना को किसी भी पैमाने से राष्ट्रपुरुष नहीं माना जा सकता है और हिंदुस्तान में उसे सम्मान का स्थान नहीं मिलना चाहिए। इस विवाद पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान का जनक मुहम्मद अली जिन्ना इस देश का दुश्मन था। इसके बाद पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने विश्वविद्यालय के परिसर में लगी जिन्ना की तस्वीर को लेकर हंगामा करने वालों बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी छात्रों की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हंगामे का समय और इसे ‘सही साबित करने के लिए गढ़े जा रहे तर्क’ सवाल खड़े कर रहे हैं।

इस विवाद के बीच बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने जिन्ना को महापुरुष करार देते हुए कहा था कि आजादी की लड़ाई में जिन्ना का योगदान था। इसलिए जिन्ना की तस्वीर को जहां भी लगाए जाने की जरूरत है उस जगह पर लगाई जानी चाहिए। आपको बता दें कि जिन्ना की तस्वीर को लेकर उठा विवाद तब उठा था जब अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने इस मामले को उठाया था।

मुहम्मद अली 1938 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी आए थे। उन्हें यूनियन द्वारा कई अन्य लोगों की तरह मानद उपाधि दी गई थी। छात्रसंघ ने 1920 में आजीवन सदस्यता देने की शुरुआत की थी। तब महात्मा गांधी और जिन्ना को भी सदस्यता मिली थी और तभी से वहां जिन्ना की तस्वीर लगाई गई थी।

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