राहुल गांधी की नाराजगी पर बोले CM कमलनाथ- 'मध्य प्रदेश में हार की जिम्मेदारी मेरी'

संक्षेप:

  • मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद मैंने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी
  • कमलनाथ का यह बयान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आया है
  • राहुल ने कहा था कि मुझे इस बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद मैंने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. कमलनाथ का यह बयान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आया है जिसमें राहुल ने कहा था कि मुझे इस बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया.

लोकसभा चुनाव पर राहुल द्वारा दी गई इस टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए यहां गुरुवार को एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैंने मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी ली है. मैं नहीं जानता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन मैंने पहले इस्तीफे की पेशकश की थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी सही कह रहे हैं. बाकी नेताओं के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं हार की जिम्मेदारी लेता हूं.’’ कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में करारी हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा, ‘‘कमलनाथ ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा था कि वह इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं.’’ इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्यप्रदेश में 29 सीटों में से मात्र एक सीट मिली थी. यह प्रदेश में अब तक कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन था. पिछले साल नवंबर में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कमलनाथ ने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन इसे पार्टी आलाकमान ने ठुकरा दिया था. तब कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में 15 साल बाद भाजपा से सत्ता छीनी थी.

 

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