देखिए, क्या हुआ जब कमलनाथ के मंत्री ने दिव्यांगों को कहा लंगड़ा-लूला

संक्षेप:

कमलनाथ के मंत्री ने अभद्र भाषा का किया प्रयोग

दिव्यांगों के लिए इस्तेमाल किया लंगड़ा-लूला शब्द

जनता ने मंत्री को मर्यादित भाषा सीखने की दी सलाह

मध्यप्रदेश में कांग्रेस भले अपने कामों को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अपने मंत्रियों को जनता से किस लिहाज़ से बात करनी चाहिए, उन्हें किन शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए ये बताना शायद भूल गई है... इसीलिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से वो अपने कामों की वजह से कम और विवादों की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रहा है... अब नया विवाद कमलनाथ सरकार में मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा के एक बयान पर शुरू हो गया है.... किसानों के लिए आयोजित एक जनसभा में वो अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने में इतना खो गए कि उन्हें किस तरह की भाषा का उपयोग करना चाहिए ये वो भूल गए... उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि `क्या अंधे, लंगड़े-लूले लोगों को मिलने वाली पेंशन राशि को 300 से बढ़ाकर 1,000 रुपये करना गलत काम है? किसानों के लिए 100 यूनिट का 100 रुपये करना गलत है.`

लेकिन मंत्री की शब्दावली को लेकर अब सोशल मीडिया पर खूब छीछालेदर हो रही है.... कई लोग उन्हें पीएम मोदी से सीखने की सलाह दे रहे हैं... वो बता रहे हैं कि एक पीएम मोदी हैं जो इस तरह के लोगों को विकलांग तक नहीं कहते... उनके लिए दिव्यांग शब्द को गठित किया गया. वहीं एक कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं जो उन्हें सीधे-सीधे अंधे,लंगड़े और लूले कह रहे हैं... नरेंद्र मोदी फैन के नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले एक शख्स ने कमलनाथ के मंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा, `एक तरफ मोदी जी है जो दिव्यांग भाई बहनों का बहुत सम्मान करते है, दूसरी तरफ कांग्रेसी उनको अंधे, लंगड़े, लूले कहते हैं शर्मनाक...

वहीं अंकित सिंह ठाकुर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, `बात सही बोल रहा है पर बोलने का तरीका वही जाहिलों जैसा है.`

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भारत सिंह सेंगर नाम के एक यूजर ने लिखा है, `कुछ तो शर्म करो मंत्री जी उन्हें दिव्यांग कहते हैं.`

नचिकेता सिन्हा नाम के एक शख्स ने भी तरीके पर सवाल खड़ा किया है...

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