प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल से किया नामांकन, बोली- देश पर जब खतरा होता है तब भगवा आगे आता है

संक्षेप:

  • भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 11 पंडितों के मंत्रोच्चार के साथ भोपाल लोकसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया। 
  • नामांकन-पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए प्रज्ञा ने कहा, ‘हमारा विधिवत नामांकन फार्म है, वह मैं कल भरूंगी। आज मेरा मुहूर्त का नामांकन फार्म था।’
  • ‘मैंने यह संकल्प लिया था कि बिल्कुल आनंद और ठाकुर (भगवान रामचंद्र जी) के ध्यान में रह करके मैं अपना फार्म भरूं।

भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 11 पंडितों के मंत्रोच्चार के साथ भोपाल लोकसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया। इसी सीट पर उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है। नामांकन-पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए प्रज्ञा ने कहा, ‘हमारा विधिवत नामांकन फार्म है, वह मैं कल भरूंगी। आज मेरा मुहूर्त का नामांकन फार्म था।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने यह संकल्प लिया था कि बिल्कुल आनंद और ठाकुर (भगवान रामचंद्र जी) के ध्यान में रह करके मैं अपना फार्म भरूं। आज हमारा मुहूर्त था, इसलिए वो मैंने पूर्ण किया।’ साध्वी प्रज्ञा के नामांकन भरवाने के लिए 11 ब्राह्मण आए थे और उन्होंने प्रज्ञा के नामांकन-पत्र भरने के दौरान मंत्रोच्चार किया।

प्रज्ञा ठाकुर ने नामांकन दाखिल करने से पहले रैली की. उसमें उन्होंने भोपाल सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा कि अगर वो हिन्दू होते तो देश सुरक्षित होता. पाप स्वयं बोला है. मैं भोपाल लोकसभा क्षेत्र की 26 लाख जनता को सुरक्षित करने का वचन देती हूं. 10 साल के शासनकाल में विकास नहीं उन्होंने बंटाधार किया है.ये लोग प्रकाश से अंधकार की ओर ले जा रहे हैं.

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए कहा ये लोग वंशवाद को बढ़ावा देने वाले लोग हैं. उन्होंने अपनी तुलना उमा भारती से की. उन्होंने कहा 2003 में एक साध्वी ने ऐसा पराजित किया कि 16 साल मुंह नहीं उठा पाए हैं. एक बार फिर साध्वी आ गई है.

प्रज्ञा ठाकुर भारी लवाजमे के साथ अपना पर्चा भरने निकलीं. पहले उन्होंने पॉलिटैक्निक चौराहे पर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर फूल चढ़ाए और फिर उसके बाद पुराने भोपाल के चौक इलाके में देवी मंदिर में माथा टेका. उसके बाद उनका काफ़िला कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुआ.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.