अलवर गैंगरेप का वीडियो Whatsapp ग्रुप पर धड़ल्ले से हो रहा शेयर, यूपी के मैनपुरी का एक युवक गिरफ्तार
- पुलिस ने सभी आरोपियों गिरफ्तार करने का दावा किया है, राजस्थान सरकार ने बैठाई जांच
- राजस्थान सरकार के डिविजनल कमिश्नर स्तर के अधिकारी को सौंपी गई गैंगरेप केस की जांच
- 5 आरोपियों ने किया था गैंगरेप, बाद में विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी किया वायरल
जयपुर: अलवर गैंगरेप मामले ने पूरे देश को हिला रखा है. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस घटना में जयपुर पुलिस ने एक और युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने गैंगरेप के वीडियो को एक वॉट्सऐप ग्रुप में वायरल किया था. बता दें कि इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेने का दावा किया है. बता दें कि गैंगरेप केस में पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार घटना 26 अप्रैल को हुई, जब आरोपियों ने उसे और उसके पति का रास्ता रोका और एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसके पति के सामने उसका गैंगरेप किया. इतना ही नहीं, आरोपियों ने अपराध का वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया.
यूपी के मैनपुरी का है आरोपी
उधर, कुछ युवकों ने वॉट्सऐप ग्रुप में भी इस वीडियो को शेयर किया. इसी में से एक युवक 21 साल के सतीश सिंह को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जयपुर पुलिस के मुताबिक यूपी के मैनपुरी का रहने वाला सतीश यहां हसनपुर में किराए के मकान में रह रहा था. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर हसनपुर में सतीश के कमरे से उसे गिरफ्तार कर लिया. सतीश के खिलाफ भी आईटी ऐक्ट की तमाम धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
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वीडियो शेयर या सेव करने वालों को गिरफ्तार करने के निर्देश
अलवर पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसने सबसे पहले वीडियो को वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया था. हालांकि यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल है, इसके बावजूद सीआईडी-सीडी ने साइबर सेल को निर्देश दिया था कि कोई भी व्यक्ति जिसने किसी भी सोशल प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को शेयर किया हो या फिर अपने पास सेव किया हो, सभी की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो. इस निर्देश के बाद पुलिस ने साइबर सेल की मदद से ताबड़तोड़ जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार करना शुरू किया. इसी क्रम में जयपुर पुलिस ने यूपी के रहने वाले सतीश को भी गिरफ्तार किया है.
वीडियो को हटाने के लिए नोटिस
सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया, `इस मामले में विशेष टीम काम कर रही है. इस टीम को हमने साफ कर दिया था कि कोई भी आरोपी बचना चाहिए, चाहें उसने भले ही वीडियो ही क्यों न शेयर किए हों क्योंकि यह भी एक अपराध है. अधिकारी ने बताया कि कई सोशल मीडिया कंपनियों को भी इस वीडियो को तत्काल प्रभाव से हटा देने के लिए नोटिस भेजा गया है.
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