राजस्थान में होगा सत्ता परिवर्तन! राहुल ने गहलोत और पायलट से की 45 मिनट की मुलाकात

संक्षेप:

  • राहुल गांधी से उनके आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने मुलाकात की है.
  • यह मीटिंग करीब करीब 45 मिनट तक चली.
  • इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में कई कयास लगाए जा रहे हैं.

नई दिल्ली: राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी पराजय के बाद प्रदेश संगठन और सत्ता में बड़े फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसी बीच मंगलवार दोपहर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने मुलाकात की है, जो करीब करीब 45 मिनट तक चली. इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में कई कयास लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि प्रदेश के शीर्ष नेताओं पर गाज गिरना लगभग तय है. इस मुलाकात के बाद प्रदेश में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी के आधार पर प्रदेशाध्यक्ष और डिप्टी सीएम पायलट के इस्तीफे की बात भी कही जा रही है. वहीं सीएम गहलोत के इस्तीफे को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.

गहलोत के बेटे का जोधपुर से हारना बना मुद्दा

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे का जोधपुर से लोकसभा चुनाव हारने का मुद्दा प्रदेश कांग्रेस से होते हुए दिल्ली पहुंच गया. कथित तौर पर राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि वह किसी के बेटे को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे. साथ ही कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने वाले राज्यों में तो अच्छे परिणाम मिलने चाहिए थे. बैठक में गहलोत के बेटे वैभव की हार पर भी चर्चा हुई. बैठक के बाद सीएम गहलोत ने कहा, `स्वाभाविक है कि हार की समीक्षा के दौरान कांग्रेस प्रेसिडेंट सभी को उनकी कमियां बताएंगे.`

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प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह सामने आई

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का राजस्थान में सूपड़ा साफ होने के बाद प्रदेश में फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है. सरकार के मंत्रियों की चुनावी हार पर सियासत के साथ ही एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की गुटबाजी खुलकर सामने आई है. पार्टी का एक गुट प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ सियासी महौल बनाने में जुटा है. कहा जा रहा है कि यह गुट राहुल गांधी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है.

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