चट्टान धसकने से महिला श्रमिक मलबे में दबी, खदान में कर रही थी काम

संक्षेप:

  • चालीस फुट की ऊंचाई से एक बड़ी चट्टान अचानक से धसक गई।
  • मलबे के निचे दबी महिला श्रमिक।
  • मौके पर पहुँची पुलिस, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू।

झाँसी- ओरछा के ग्राम जिझौरा निवासी सुनील और उनकी पत्नी माया (32) डिमरौनी में स्थित श्याम स्टोन क्रशर पर काम करते हैं। दोनों खदान के नीचे खाई में पत्थरों की ढुलाई के लिए आने-जाने वाली गाड़ियों के लिए बनाए गए रास्ते के पत्थर हटाने काम करते हैं। मंगलवार की दोपहर तकरीबन बारह बजे दोनों अपने काम में जुटे हुए थे।

पति - पत्नी आपस में काफी दूरी पर काम कर रहे थे। इसी दरम्यान तकरीबन चालीस फुट की ऊंचाई से एक बड़ी चट्टान धसक गई, उसके साथ काफी मलबा भी गिरा, जिसके नीचे माया दब गई। आसपास अन्य श्रमिक भी काम कर रहे हैं, लेकिन गनीमत रही कि वे बाल-बाल बच गए।

रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
हादसा होने पर वहां चीखपुकार मच गई। खदान में काम कर रहे श्रमिक माया को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन चट्टानों और मिट्टी के ढेर के नीचे वो नजर तक नहीं आई। जानकारी होने पर सीओ सदर अरुण कुमार चौरसिया व बड़ागांव थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया, जो लगातार कई घंटों तक चलता रहा।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


चार एलएनटी मशीनों के जरिये मलबा हटाया जाता रहा। इसके अलावा चट्टानों को तोड़ा गया, लेकिन महिला को मलबे से बाहर नहीं निकाला जा सका। रात में अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में भी खासी दिक्कतें आईं। इस दौरान वहां भारी संख्या में भीड़ जमा रही, जिसे संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

200 रुपये मिलती है रोज मजदूरी

 मलबे में दबी महिला श्रमिक माया के पति सुनील ने बताया कि खदान में काम करने पर उसे 250 और पत्नी को रोजाना 200 रुपये मजदूरी मिलती है। उनके तीन बच्चे सलोनी (16), संगम (13) व जितेंद्र (10) हैं। सुनील ने बताया कि उनके पास आमदनी को कोई दूसरा जरिया नहीं है। यही वजह है कि पति - पत्नी दोनों खदान में काम कर परिवार का किसी तरह गुजारा करते हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Jhansi की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles