झांसी बुंदेलखंड कॉलेज मर्डर केस: दादी की आंखों की सामने हुई पोती की हत्या, बोलीं- सेना में जाना चाहती थी

संक्षेप:

कृतिका के पिता सुजीत त्रिवेदी ने बताया कि जैसे ही गोली चलने की आवाज सुनाई दी, वो और उनकी पत्नी घर के बाहर आए तो देखा कि कृतिका जमीन पर खून से लथपथ पड़ी है। सुजीत ने मंथन का पीछा करके दबोच लिया। उसने सुजीत पर भी पिस्टल तान दी थी।

झांसी। झांसी में हुए दोहरे हत्याकांड से अभी तक शहर में सनसनी फैला हुआ है। इस बीच मृतका कृतिका का दादी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि `हम अपनी पोती कृतिका के साथ घर के बाहर कुर्सी पर बैठे थे, कृतिका के पिता घर के भीतर थे और उसकी मां खाना बना रही थी। तभी कृतिका का सहपाठी मंथन सेंगर आया, कृतिका उसको देखकर कुर्सी से उठी वैसे ही मंथन तेजी से आगे बढ़ा और कृतिका की गर्दन से पिस्टल सटाकर गोली मार दी।

आंखों के सामने कृतिका का कत्ल देखकर सभी की रूह कांप गई। ग्वालटोली के सूटरगंज स्थित साईधाम अपार्टमेंट के अपने फ्लैट में मौजूद परिवार गम, गुस्से और अफसोस में डूबा हुआ है। कृतिक की याद में उनके आंसू नहीं रुक रहे हैं। बड़ी बहन काव्या आर्किटेक्ट हैं।

उन्होंने बताया कि कृतिका झांसी में एमए हिस्ट्री की पढ़ाई कर रही थी। उसकी ख्वाहिश थी कि वो सेना में अफसर या आईपीएस अफसर बने। इसलिए उसने एनसीसी भी की थी। एनसीसी में ही मंथन भी था। यहीं पर दोनों की दोस्ती हुई थी। लेकिन, क्या पता था कि वही दोस्त उसकी जिंदगी ले लेगा।

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कृतिका के पिता सुजीत त्रिवेदी ने बताया कि जैसे ही गोली चलने की आवाज सुनाई दी, वो और उनकी पत्नी घर के बाहर आए तो देखा कि कृतिका जमीन पर खून से लथपथ पड़ी है। सुजीत ने मंथन का पीछा करके दबोच लिया। उसने सुजीत पर भी पिस्टल तान दी थी। मगर तभी पड़ोसी आ गए और मंथन को दबोच लिया गया।

बहन काव्या ने बताया कि कृतिका पढ़ाई में होनहार थी। खेल में भी सबसे आगे रहती थी। वो नेशनल बॉक्सर थी। स्टेट लेवल पर वो पदक भी जीत चुकी थी। सात फरवरी को उसने लखनऊ में सीडीएस का एग्जाम दिया था। तभी वो कानपुर आकर एक दिन अपने फ्लैट पर रुकी थी।

मंथन दिनदहाड़े बुंदेलखंड महाविद्यालय में पिस्टल लेकर जाता है। साथी छात्र की हत्या कर आराम से वहां से निकल जाता है। उसके बाद कृतिका को मौत के घाट उतारता है। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात तो साफ है कि अगर कॉलेज की वारदात के बाद ही तुरंत वो पकड़ा जाता तो कम से कम कृतिका की जान बच जाती।

सुजीत का कहना है कि कॉलेज में अगर कोई इस तरह से असलहा लेकर आता है तो सीधे तौर पर कॉलेज प्रशासन की लापरवाही है। उन्होंने बताया कि झांसी पुलिस का पूरा सहयोग रहा। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने हर संभव मदद की। आरोपी को सख्त सजा मिलेगी, यही उम्मीद है।

ये है पूरी घटना

मूलरूप से ग्वालटोली निवासी सुजीत त्रिवेदी का झांसी में कंप्यूटर हार्डवेयर का कारोबार है। झांसी के चाणक्यपुरी में वो परिवार के साथ रहते हैं। छोटी बेटी कृतिका एमए की पढ़ाई कर रही थी। शुक्रवार को कॉलेज में ही एक सिरफिरे छात्र मंथन सेंगर ने साथी छात्र हुकमेंद्र सिंह गुर्जर को गोली मार दी थी। इसके बाद कृतिका के घर पहुंच उसको भी गोली मार दी थी। कृतिका की मौके पर मौत हो गई थी जबकि इलाज के दौरान हुकमेंद्र ने दम तोड़ा। शनिवार को परिजन शव लेकर कानपुर आए। यहीं पर अंतिम संस्कार किया।

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