बेकाबू डंपर तीस फुट गहरे कुएं में गिरा, चालक की मौत

संक्षेप:

  • देर-रात एक डंपर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित 30 फीट गहरे कुएं में जा गिरा। 
  • पुलिस पूरी रात उसे कुएं से बाहर निकालकर चालक को बचाने की कोशिश में जुटी रही।
  • करीब आठ घंटे की भारी मशक्कत के बाद डंपर कुएं से बाहर निकाला पर चालक की मौत हो चुकी थी।

झाँसी- थाना सीपरी बाजार के झांसी-उन्नाव बालाजी मार्ग स्थित कोट गांव में देर-रात एक डंपर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित 30 फीट गहरे कुएं में जा गिरा। पुलिस पूरी रात उसे कुएं से बाहर निकालकर चालक को बचाने की कोशिश में जुटी रही। करीब आठ घंटे की भारी मशक्कत के बाद डंपर कुएं से बाहर निकाला जा सका लेकिन, तब तक चालक की मौत हो चुकी थी।

दतिया निवासी नंदकिशोर (28) पुत्र सुरेश प्रजापति डंपर ड्राइवर था। सोमवार रात करीब ग्यारह बजे वह गोरामछिया से दतिया खाली डंपर लेकर निकला था। जैसे ही वह थाना सीपरी बाजार के कोट गांव पहुंचा, डंपर अचानक अनियंत्रित हो गया। इसके बाद डंपर हरिशंकर यादव के घर के पास करीब बीस फीट बाउंड्रीवाल तोड़ते हुए सड़क किनारे स्थित पुराने कुएं में जा गिरा। कुआं करीब तीस फीट गहरा और बीस फीट चौड़ा है। पूरा डंपर उसके भीतर समा गया। सिर्फ एक फीट हिस्सा ही बाहर नजर आ रहा था। जोरदार आवाज होने से आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए। हादसे की सूचना मिलने पर थोड़ी देर में सीपरी बाजार थाने से भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया। डंपर बाहर निकालने के लिए क्रेन बुलवाई गई। करीब आधे घंटे में एक क्रेन पहुंची लेकिन, उससे कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद उधर से गुजर रहे एक दूसरे डंपर की भी मदद ली गई लेकिन, डंपर को नहीं निकाला जा सका। इसके बाद तीसरा डंपर मंगवाया गया। करीब आठ घंटे की मशक्कत के बाद सुबह करीब छह बजे डंपर बाहर निकाला जा सका। उसके केबिन में ही फंसकर चालक की मौत हो गई थी।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। नंदकिशोर की आठ साल पहले शादी हुई थी। घर में पत्नी ज्योति समेत दो लड़के सुमित (4) एवं नीतेश (6) हैं। हादसे की सूचना मिलते ही उसके पिता सुरेश भी घटनास्थल पर पहुंच गए। पिता सुरेश का कहना है कि पिछले वर्ष ही उसके छोटे पुत्र की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि बीच में कोई जानवर के आ जाने की वजह से डंपर चालक ने गाड़ी काटी लेकिन, वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और अनियंत्रित हो गया।

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करीब सौ साल पुराना कुआं लेकिन, हादसा पहला
कोट गांव के रहने वाले लोगों का कहना है कि सड़क किनारे बना यह कुआं करीब सौ साल पुराना है। कई पीढ़ियों से लोग कुएं का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। पिछले करीब एक दशक से घरों में हैंडपंप और पाइपलाइन आ जाने से इसका इस्तेमाल कम हो गया। इसमें अभी भी पानी है लेकिन, इस कुएं का कोई इस्तेमाल नहीं करता। कुआं पूरा खुला हुआ है। बच्चे भी यहीं आसपास खेलते रहते हैं लेकिन, आज तक कोई हादसा नहीं हुआ। पहली बार किसी व्यक्ति की इसमें गिरने से मौत हुई है।

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