जनता बुखार, डेंगू के चपेट में, पर सभी राजनीतिक पार्टियां वोट साधने में लगे

संक्षेप:

  • आधा जिला वायरल, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों की चपेट में।
  • हर दिन 100 से ज्यादा मरीज हो रहे भर्ती।
  • सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैली की तैयारी में।

झाँसी- चुनाव में भले ही छह महीने बचे हैं लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने वोट साधने का सिलसिला शुरू कर दिया है। सभाओं, कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए भीड़ जुटाई जा रही है। दूरदराज से गाड़ियों में भरकर लोगों को लाया जा रहा है। बाद में जब इसी भीड़ से लोग बीमार पड़ रहे हैं तो माननीय हाथ पीछे खींच ले रहे हैं। इन दिनों आधा जिला वायरल, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों की चपेट में आकर बुखार से तप रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम हैं लेकिन सत्ता से लेकर विपक्ष तक के सियासी लोग प्रशासन के सामने आवाज नहीं उठा रहे हैं। किसी भी विधायक, सांसद ने डेंगू प्रभावित इलाकों, अस्पतालों का दौरा तक नहीं किया है।

मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों बीमारियों ने लोगों को घेर रखा है। हाल ये है कि घर-घर बुखार, खांसी, जुकाम के मरीजों की भरमार है। इसके अलावा डेंगू का प्रकोप भी लगातार बढ़ता रहा है। सरकारी अस्पतालों में तमाम अव्यवस्थाएं हैं। जिला अस्पताल में कहीं मरीजों से बाहर की दवाएं मंगवाई जा रही हैं तो कहीं डेंगू का सैंपल भेजने के बजाए रोगियों को ही मेडिकल कॉलेज जाने को बोला जा रहा है। इसके अलावा भी पानी से लेकर साफ-सफाई की समस्या तक अमर उजाला उठाकर सरकारी व्यवस्था की पोल खोल चुका है। बावजूद, इसके किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हाल नहीं जाना। न ही जिम्मेदारों का घेराव किया। मरीज बदहाली से परेशान हैं। मगर सत्ता और विपक्ष के नेता राजनीतिक कार्यक्रमों में आने वाले मंत्रियों, पदाधिकारियों का स्वागत कर रहे हैं। दिनभर उनकी आव भगत में जुटे रहते हैं। लेकिन मरीजों का दर्द जानने का किसी के पास भी समय नहीं है।

हर दिन 100 से ज्यादा हो रहे भर्ती, बेड की किल्लत
सरकारी अस्पतालों में हर दिन 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में कई मरीजों के लिए बेड की किल्लत तक हो जाती है। बीच में कई बार तो मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाकर इलाज करना पड़ा। कइयों को बेड के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। मगर किसी भी नेता ने अफसरों के साथ बैठकर कर दूसरी व्यवस्था बनाने पर चर्चा नहीं की।

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पर्चे के लिए लंबी-लंबी लाइनें, नहीं बढ़ काउंटर
चाहें जिला अस्पताल हो या मेडिकल कॉलेज हर जगह ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती हैं। हाल ये है कि जबरदस्त गर्मी और उमस में रोगी घंटों पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़ा रहता है। अब तक किसी भी नेता ने अस्पताल प्रशासन से पर्चा काउंटरों की संख्या बढ़ाने के संबंध में कोई बात नहीं की है।
कब-कब आए बड़े नेता और जुटी भीड़
- 28 अगस्त को बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में आए।
- 29 अगस्त को केंद्रीय राज्यमंत्री भानू वर्मा, खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी आए।
- पांच सितंबर को केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में आईं।
- छह सितंबर को मंडलीय समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी आए।
- 11 सितंबर को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद घोषणापत्र को लेकर आए।
- 13 सितंबर को केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, भाजपा सांसद साक्षी महाराज समारोह में आए।
- 14 सितंबर सपा व्यापार सभा के मंडलीय सम्मेलन में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग आए।
मरीजों ने बयां किया दर्द
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चार दिन से बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती हूं। यहां की व्यवस्थाएं खराब है। वार्ड में पानी की किल्लत है। शौचालय गंदे पड़े हैं। न अफसर ध्यान देते हैं। न कोई नेता हाल जानने आता है। - अंजुम, जिला अस्पताल।

अस्पताल में भर्ती मेरी बेटी स्नेहा को पांच दिनों से बुखार है। दवाओं के बावजूद बुखार उतर नहीं रहा है। अब तक किसी भी नेता ने अस्पताल आकर अव्यवस्थाओं को नहीं देखा। - मालती देवी, जिला अस्पताल।
ये बोले पदाधिकारी
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चाहें स्वास्थ्य विभाग हो या फिर कोई और, जहां भी समस्याओं के बारे जानकारी मिलती है, तत्काल अफसरों से बात करके समाधान कराया जाता है। जनप्रतिनिधियों से कहा जाएगा कि वह स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर और सक्रियता दिखाएं। - मुकेश मिश्रा, महानगर अध्यक्ष, भाजपा।
भाजपा सरकार ने पहले दिन से स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई काम नहीं किया। अब तक कोरोना फैला हुआ था, इसलिए अस्पताल जाने की अनुमति नहीं थी। मगर डेंगू, वायरल के मामले में अव्यवस्थाओं को लेकर पार्टी आंदोलन करेगी। - महेश कश्यप, निवर्तमान, जिलाध्यक्ष सपा।
सोमवार को ही जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सीएमएस से मुलाकात की थी। साथ ही पार्टी ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि तीन दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो अब कांग्रेसी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। - अरविंद वशिष्ठ, महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस।
कोरोना काल में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खूब काम किया। डेंगू, वायरल को लेकर मरीजों की समस्याओं के बारे में जानकारी हुई है। अब इस मामले में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता अफसरों का घेराव करेंगे। समस्या दूर नहीं हुई तो सड़कों पर उतरेंगे। - राजू राजगढ़, जिलाध्यक्ष, बसपा।

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