पौराणिक मान्यता है कि त्रेता युग में वानर सेना ने भगवान श्रीराम (Lord Shri Rama) लंका जाने के लिए सागर पर से सेतु का निर्माण था

कांकेर. ताकि राम सेना मिलकर देवी सीता (Seeta) को रावण (Ravana) के चंगुल से बचा सके. अब कलयुग में मुसीबत में फंसे बंदरों (Monkeys) को किसी राम का इंतजार है, जो उन्हें समस्या से निजात दिला सकें. मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर (Kanker) जिले से जुड़ा है. कांकेर नरहरपुर वन क्षेत्र में बंदरों का एक समूह टापू पर फंस गया है. इन्हें बचाने की कवायद प्रशासन कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है. कांकेर (Kanker) के नरहरपुर वन परिक्षेत्र के दुधवा डेम के टापू पर करीब डेढ़ महीना पहले बंदरों (Monkeys) का झुण्ड भोजन की तालश में पहुंचा था, लेकिन अचानक डेम में पानी भर जाने से बंदरों का झूंड वहीं फंस गया. डेढ़ महीने से टापू में जो कुछ भी रहा उसे खा कर अपना जीवन कट रहे थे. इसी बीच एक मछुआरे ने उन्हें टापू पर फंसा देखा तो वन विभाग को इसकी सूचना दी. पहले की भोजन की व्यवस्था वन विभाग को जानकारी मिलने के बाद उनकी एक टीम वहां रवाना की गई. टीम ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से बंदरों को भोजन दिया. इसके बाद अब उन्हें वापस जंगल लाने की कवायद की जा रही है. पानी भरे होने के कारण उन्हें लाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वन विभाग ने जल मार्ग से अस्थाई पुल का निर्माण करना शुरू कर दिया है, लेकिन पुल तीन दिन में बना लेने का दावा किया जा रहा था, जिसकी मियाद सोमवार को समाप्त हो गई, लेकिन अब तक पुल नहीं बन सका है. हालांकि क्षेत्र की एक सामाज सेवी संस्था के सदस्य टापू पर पहुंच कर बंदरों के लिए भोजन का उचित प्रबंध किए हैं. बताया जा रहा है कि बंदर काफी कमजोर हो गए हैं.ये भी पढ़ें: कांग्रेस के मंत्री ने BJP विधायक अजय चन्द्राकर को बताया सर्कस का जोकर, वीडियो वायरल  महासमुंद के इन पहाड़ों पर हीरा तलाशेगी छत्तीसगढ़ सरकार, बना ये खास प्लान ।

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