छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के आदिवासी बाहुल्य कांकेर (Kanker) जिले में मानवता पर अंधविश्वास (Superstition) हावी होने का मामला सामने आया है

कांकेर. यह घटना कांकेर (Kanker) जिले के सुदूर आमाबेड़ा (Amabeda) इलाके की है. आमाबेड़ा में एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मृत्यु हो हो गई. इसके बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए शव को श्मशान घाट ले जाना था, लेकिन गांव के पुरुषों ने प्रसूता के शव को कंधा देने से इनकार कर दिया. इसके पीछे पुरानी परंपरा का हवाला दिया गया. कांकेर (Kanker) के आमाबेड़ा (Amabeda) थाना क्षेत्र के ग्राम तुमुसनार में बीते 15 अक्टूबर को एक प्रसूता सुकमोतीन की मृत्यु प्रसव के दौरान हो गई. उन्‍होंने रात तकरीबन 2.30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया. शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई. सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया. फिर उसका शव 16 अक्टूबर को उसका शव गांव पहुंचा. इसके बाद पुरुषों ने उसके शव को कंधा देने से इनकार कर दिया. इसके पीछे मृत्यु के दौरान प्रसूता के अछूत होने का हवाला दिया गया. पुरुषों ने कहा कि पुरानी परंपरा है कि ऐसी स्थिति में मृत्यु के बाद पुरुष शव को कंधा नहीं देते हैं. इसके बाद गांव की ही महिलाएं आगे आईं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की. खटिया पर लादकर ले गईं श्मशान पुरुषों का शव को कंधा देने से इनकार करने के बाद गांव की महिलाओं ने प्रसूता के शव को खटिया पर लादकर कंधा दिया. इसके बाद गांव के बाहर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया. इस मामले में केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि सुदुर इलाकों में लोगों में जागरुकता का आभाव है. इसके चलते ही इस तरह ही परंपराओं को आज भी महत्व दिया जा रहा है. सरकार द्वारा उन इलाकों में जागरुकता लाने की कवायद की जा रही है.ये भी पढ़ें:- चित्रकोट उपचुनाव: आखिरी दौर में पार्टियों ने झोंकी ताकत, 24 को आएंगे नतीजे  रायपुर एयरपोर्ट में बढ़ी घरेलू यात्रियों की संख्या, टॉप 3 हो सकता है शामिल।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।

अन्य कांकेर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।