सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई ने पुलिस आयुक्त के समक्ष आत्मसमर्पण किया
- न्यूज़
- Friday | 2nd December, 2022

कानपुर, दो दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी और उनके छोटे भाई ने शुक्रवार सुबह को यहां आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें एक महिला के घर में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
इरफान सोलंकी, उनके छोटे भाई रिजवान सोलंकी तथा उनके कई समर्थकों के खिलाफ आठ नवंबर को जमीन पर कब्जे के विवाद में नजीर फातिमा के घर में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आज आत्मसमर्पण के समय उनके साथ आर्य नगर और कानपुर कैंट के सपा विधायक क्रमशः अमिताभ बाजपेयी और मोहम्मद हसन उर्फ रूमी और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।
पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी ने उनके कैंप कार्यालय में उनके समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) सलमानताज जफरताज पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस को इरफान सोलंकी तथा उनके भाई की तलाश थी, क्योंकि उनके खिलाफ गत आठ नवंबर को जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद में नजीर फातिमा नामक महिला के घर में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था ।
उपायुक्त ने कहा, "हमने करीब एक पखवाड़े पहले उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल किया था।" उनके अनुसार उन्हें अदालत में पेश करने और उनके ठिकानों और हमदर्दों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पुलिस हिरासत की मांग करने का फैसला किया गया है।
अधिकारी ने बताय, "हम इरफान सोलंकी और उनके भाई द्वारा दी गई सभी जानकारियों को केस डायरी में डालेंगे, जिसे अदालत में भी पेश किया जाएगा।"
इरफ़ान सोलंकी पहली बार 2007 में कानपुर की आर्य नगर सीट से विधायक चुने गए थे और बाद में वह 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
इरफान सोलंकी ने एक वीडियो जारी कर खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया और इल्जामात की जांच के लिये विधानसभा अध्यक्ष से एक समिति गठित करने की गुजारिश की थी।
इरफान सोलंकी और उनके भाई के आत्मसमर्पण और उसके बाद की गिरफ्तारी उनके एक पखवाड़े से अधिक समय तक लुका-छिपी खेलने के बाद हुई।
मामला दर्ज होने के एक दिन बाद ही सोलंकी बंधु गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए थे।
एक अधिकारी ने कहा कि दोनों फरार चल रहे थे और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी और संभावित ठिकानों पर तलाशी के लिए पुलिस की कई टीमों का गठन किया गया था।
उनके अनुसार जांच के दौरान पता चला कि सपा की महिला शाखा से जुड़ी वरिष्ठ सपा नेता नूरी शौकत, उसका भाई अशरफ अली उर्फ शेखू नूरी, उसका ड्राइवर अम्मार इलाही उर्फ अली, उसके चाचा इशरत, इरफान सोलंकी के साले अनवर मंसूरी और अख्तर मंसूरी ने दूर स्थानों की यात्रा करने के लिए इरफान सोलंकी को नकली पहचान पत्र देने की योजना बनाई थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि गिरफ्तार नूरी शौकत अपने ड्राइवर अम्मार इलाही और एक अन्य व्यक्ति अली के साथ इरफ़ान को अपनी कार से दिल्ली हवाई अड्डे ले गई थी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचने से पहले वह गौतम बुद्ध नगर के होटल में रुके थे।
इससे पहले संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मंगलवार को सोलंकी के खिलाफ जाली आधार कार्ड के जरिये हवाई यात्रा करने और हवाई अड्डे की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में भी मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने नूरी शौकत के साथ-साथ अम्मार इलाही, अनवर मंसूरी और अख्तर मंसूरी को सोलंकी के वास्ते फर्जी आधार कार्ड बनवाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है।
तिवारी ने बताया था कि इरफान सोलंकी ने गिरफ्तारी से बचने के लिये दिल्ली से मुंबई तक की विमान यात्रा की और इसके लिये उन्होंने जिस आधार कार्ड का इस्तेमाल किया, उसमें तस्वीर तो उन्हीं की थी मगर नाम अशरफ अली लिखा हुआ था।
तिवारी ने कहा कि नूरी शौकत के मोबाइल से अशरफ अली के नाम से इरफान की दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट टिकट भी बुक की गई थी।
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद इरफान सोलंकी ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 11 नवंबर को मुंबई के लिए उड़ान भरी थी।
उनके अनुसार जाली दस्तावेजों पर यात्रा करने वाले इरफ़ान सोलंकी की मदद करने के आरोप में नूरी शौकत और अन्य को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि वे अच्छी तरह जानते थे कि सोलंकी एक आपराधिक मामले में वांछित था।
उन्होंने बताया कि मुंबई में इरफान को उनके बहनोई अनवर मंसूरी और अख्तर मंसूरी ने उनको स्कूटी और एक निजी टैक्सी से भगाने में मदद की।
नाम न छापने की दलील देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इरफान मुंबई से बेंगलुरु गए थे तथा वह शरण लेने के लिए राजस्थान भी गये था, लेकिन उसे जल्द ही वहां से जाना पड़ा, क्योंकि उसे पुलिस के छापे की सूचना मिली थी ।
भाषा सं जफर रंजन
राजकुमार
राजकुमार
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