कानपुर: नौकरी दिलाने के नाम पर 3 युवकों से 6 लाख की ठगी

संक्षेप:

  • कानपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर दिया झांसा
  • जाजामउ में 6 लाख की ठगी
  • शिकायत IGRS सिस्टम के जरिये सरकार से भी की गई है

कानपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का नया मामला सामने आया है। जाजामउ से 3 युवको को कबूतरबाजों ने 15 दिन का वीजा थमा कर नौकरी के लिये मलेशिया भेज दिया। अब परिवारवालों का उनसे सम्पर्क टूटने से खलबली मच गयी है। इस मसले की शिकायत आईजीआरएस सिस्टम के जरिये सरकार से भी की गयी है।

आपको बता दें कि 3 युवक नौकरी के नाम पर झांसे मिलने के बाद लापता है। कबूतरबाजों ने उनके परिवार से 2-2 लाख रुपए ऐंठकर सउदी अरब में नौकरी दिलाने का वादा किया था लेकिन उन्हें मलेशिया भेज दिया। परेशानहाल परिवार वाले ऐसे मामलों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दरियादिली की खबरें सुन चुके हैं और वे उनसे मदद की उम्मीद लगाये हुए हैं।

अब पिछले 15 दिनों से उनकी कोई खबर ना मिलने से उनके परिवारों में रोना पिटना मचा है। तीनों परिवार जाजमउ इलाके के रहने वाले हैं। उनका सम्पर्क गुलफाम नामक एक युवक से हुआ था। गुलफाम ने कहा कि अगर वे दो दो लाख रूपये खर्च करें तो उनके बेटों को साउदी अरब में शानदार नौकरी मिल सकती है। बेटों के भविष्य की खातिर एक मां ने अपने गहने गिरवी रखे तो दूसरी ने अपना घर। पहली दिसम्बर 2017 को तीनों लड़के रईस, शानू और इसरार हैदराबाद पहुंचे लेकिन वहां उन्हें गुलफाम का ऐजेण्ट नहीं मिला। नौ दिन तक भटकाने के बाद गुलफाम ने उन्हें हवाई यात्रा का टिकट और मलेशिया का वीजा थमा दिया। ये मलेशिया में किसी कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के नाम पर बनवाया गया था और इसकी अवधि मात्र 15 दिन थी।

मलेशिया के कुआलालम्पुर पहुंचने पर तीनों को एक सीमेण्ट फैक्टी में नौकरी पर लगवा दिया गया। उन्हें भेड़ बकरियों की तरह एक कमरे में रखा जाता था। जहां पहले से कई आदमी रखे गये थे। युवकों ने अपने परिवार वालों को फोन पर बताया कि वे वहां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं और एक बार छापा मारकर पुलिस पकड़ भी चुकी है लेकिन फैक्टी के जीएम ने उन्हें छुड़वा लिया।

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16 मार्च की सुबह शानू ने अन्तिम बार अपनी मां को वायस मैसेज भेजा था लेकिन उसके बाद से तीनों युवकों का कोई पता नहीं है। अब तीनों के परिवारवालों ने एक वकील की मदद ली है जिसने आईजीआरएस सिस्टम के जरिये शासन में इस कबूरबाजी की शिकायत दर्ज करायी है। परेशानहाल परिवार वालों ने ऐसे मामलों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दरियादिली की खबरे सुन रखी हैं और वे उनसे मदद की उम्मीद लगाये हुए हैं।

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