TAX के दायरे में नहीं है इनकम, फिर भी भरे ITR, मिलेंगे कई फायदें

संक्षेप:

ज्यादातर लोगों का मानना है कि जब पूरे वित्त वर्ष की आमदनी टैक्स के दायरे में आती ही नहीं है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से क्या फायदा... हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट भी टैक्स छूट के दायरे में आनेवाली रकम के लिए आईटीआर भरने को बाध्य नहीं करता है। अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो ये खबर खास तौर से आपके लिए ही है।

आयकर कानून के तहत 2.5 लाख रुपये की टैक्स छूट की सीमा के अंदर कमाने वाले लोगों को आईटीआर भरने की कोई बाध्यता नहीं है। इसी तरह 60 से ज्यादा और 80 से कम उम्र के लोगों की सालाना आमदनी 3 लाख रुपये और 80 साल से ऊपर की उम्र के किसी व्यक्ति की सालाना आमदनी 5 लाख रुपये है तो उन्हें आईटीआर भरने की कानूनी बाध्यता नहीं है।

आपको बता दें कि ग्रॉस टोटल इनकम (जीटीआई) में इनकम टैक्स एक्ट के बताए गए आय के सभी पांच स्रोतों से हुई कमाई आती है। इसकी गणना आयकर कानून की किसी भी धारा, मसलन 80C, 80U आदि में मिल रहे टैक्स छूट के बिना की जाती है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर आपकी ग्रॉस टोटल इनकम 3.30 लाख रुपये है और आपने 80C के तहत 1 लाख रुपये का निवेश कर रखा है तो आपकी टैक्सेबल इनकम 2.30 लाख ही है। लेकिन, आपकी ग्रॉस टोटल इनकम (3.30 लाख रुपये) टैक्स छूट की सीमा (2.50 लाख रुपये) से ज्यादा है तो आपको आईटीआर जरूर भरना चाहिए।

 

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