कानपुर में पुलिस पर पथराव, कई वाहन फूंके

संक्षेप:

  • कानपुर के कई इलाकों में जलभराव
  • पुलिस और लोगों के बीच झड़प
  • लगा लंबा जाम

कानपुर: कानपुर की नदियों में आई बाढ़ और शहरी इलाकों में हुआ जल भराव कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है। आज जलमग्न शहर के दक्षिणी भाग के सैंकड़ों लोगों ने कालपी रोड हाईवे जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव करते हुए कई वाहन फूंक दिए।

इस संग्राम के कारण हाईवे पर दोनों तरफ कई किलोमीटर लम्बा जाम लग गया। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिये पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। कानपुर में एक सप्ताह से अनवरत पानी बरस रहा है। इस बारिश ने शहर की सीवेज व्यवस्था की कलई खोल दी है तो जिला प्रशासन द्वारा बनायी गयी बाढ़ चौकियां नकारा साबित हुई हैं।

दक्षिण कानपुर के तमाम इलाके पानी में डूब चुके हैं। तमाम घरों के लोग छतों पर रहने को मजबूर है तो उनके पास खाने को राशन भी नहीं बचा है। हालांकि जिला प्रशासन स्थिति सम्भालने में लगा है लेकिन उसके तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

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दरअसल कानपुर नगर निगम के पूर्व में तैनात अफसरों ने कुछ ऐसे गलत फैसले लिये थे जो अब मानसून में भारी पड़ रहे हैं। उनका ध्यान ओडीए यानि खुले में शौच मुक्त शहर बनाकर सरकार से प्रशस्ति पत्र हासिल करने में लगा रहा और बरसात के पहले नालो की सफाई का काम इस बार नहीं कराया गया। जिम्मेदार अफसर तो तबादला लेकर चले गये लेकिन अब शहर इस बरसात में त्राहि त्राहि कर रहा है। वर्तमान अफसर परेशान हैं कि शहर को पूरी तरह से डूबने से बचाने की कार्रवाई कहां  से शुरू करें।

जल भराव और बाढ़ पीड़ित जनता अब हिंसक मूड में है। गुजैनी इलाका आज हिंसा की आग में जल रहा है। नदी नालों का पानी लोगों के आशियानों को लील चुका है तो सरकारी मदद न मिलने पर अब जनता ने हाथों में पत्थर और मशाल उठा ली है। वो अराजक होकर कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले रही है। गुजैनी हाईवे पर पीएसी पहुंच चुकी है लेकिन स्थिति सम्भाले नहीं सम्भल रही है।

स्थिति को काबू करने में पुलिस प्रशाशन के हाथ पांव फूल गए क्योंकि जलभराव से होने वाली परेशानियों को लेकर जनता काफी आक्रोशित थी लेकिन कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को कंट्रोल में किया जा सका। घटनास्थल पर पहुंचे कानपुर जिला अधिकारी विजय विश्वास पंत का कहना है कि कुछ लोगों ने जनता को भ्रमित करके इस घटना को अंजाम दिलवाया है उनपर कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि उपद्रव करने वाले कुछ लोगों को चिन्हित करके उनको गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में कुछ पुलिस कर्मी स्थानीय लोग और मीडियाकर्मी घायल हुए हैं। जो लोग इस विपत्ति में फंसे हुए थे उनको बहकना काफी आसान था ऐसे लोगों पर पुलिस कार्रवाई नहीं की जायेगी लेकिन जिन लोगों ने इनको बहकाया है उन पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।

जिलाधिकारी का कहना है कि लोगों के घरो में और आसपास जो पानी जमा है, वह बाढ़ का है जिसको निकाल पाना थोड़ा कठिन है। पुलिस के लाठीचार्ज के जवाब में जनता पथराव कर रही है और कानपुर को पानी में डूबों देने के जिम्मेदार कुछ अफसर इलाहाबाद में होने वाले कुम्भ की तैयारियों के लिये भेज दिये गये हैं। अब अगर जल्दी ही बड़े पैमाने पर राहत शिविर लगाकर बाढ़ पीड़ित जनता को राहत नहीं पहुंचाई गई तो कल का सूरज कई और इलाकों में हिंसा का नंगा नाच देख सकता है।

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