झांसी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की घटिया हरकत, मरीज की कटी टांग का बना दिया तकिया

संक्षेप:

  • डॉक्टरों ने युवक के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख दिया
  • सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया
  • मेडिकल कॉलेज ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं

यूपी के झांसी से डॉक्टरों की घोर लापरवाही और इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। सड़क हादसे में घायल हुए एक युवक को झांसी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में इलाज के लिए लाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने युवक के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड करने के साथ ही मेडिकल कॉलेज ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं।

दरअसल घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि शनिवार को एक स्कूली बस इटाईल से मऊरानीपुर जा रही थी। बस के सामने अचानक ट्रैक्टर आ गया, जिससे बस चालक का संतुलन बिगड़ गया और बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गयी, जिसमें बस का क्लीनर घनश्याम पुत्र देवकी निवासी ग्राम लहचूरा को इलाज के लिये झांसी मेडीकल कॉलेज भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान मेडीकल कॉलेज के डॉक्टरों ने क्लीनर घनश्याम के दाये पैर को काटकर अलग कर दिया और कटे हुये पैर का तकिया बनाकर क्लीनर के सिर के नीचे लगा दिया। लोगों ने दी सूचना डाक्टरों की यह अमानवीय हरकत देख वहां मौजूद लोगों के मुंह से आह निकली और अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने सीएमएस को फोन करके इसकी सूचना दी। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. हरीशचंद्र आर्य मौके पर पहुंचे और यह नजारा देख सकते में आ गए। उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों को जमकर फटकार लगाई और मरीज के सिर के नीचे से कटा हुआ पैर हटवाकर तकिया लगवाया। उधर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि जिस समय ये घटना हुई उस दौरान ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह, सीनियर रेजीडेंट आर्थोपैडिक डॉ. आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंजार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। डॉक्टर ऑन कॉल डॉ. प्रवीण सरावगी पर चार्जशीट जारी की गई है। 

अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने इस घटना की तस्वीर लेकर उसे सोशय मीडिया पर शेयर कर दिया। कुछ ही देर में यह मामला शासन-प्रशासन तक जा पहुंचा। सोशल मीडिया पर लोगों ने डॉक्टरों की इस हरकत पर गंभीर आरोप लगाए। मौके पर पहुंचे हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. हरीशचंद्र आर्य भी इस नजारे को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने वहां तैनात डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई।

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