रोटोमैक पर अब ईपीएफओ ने भी कसा शिकंजा

संक्षेप:

  • सीबीआई पहले ही कर रही है कार्रवाई
  • ईडी ने भी रोटोमैक पर दर्ज किया है केस
  • अब ईपीएफओ ने भी घोषित किया डिफाल्डर

कानपुरः रोटोमैक पर अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 424 कर्मचारियों के पीएफ अंशदान पर कार्रवाई शुरू कर दी है। ईपीएफओ ने नेशनल कंपनी ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल में रोटोमैक को डिफॉल्टर घोषित किया है और दावा खारिज करने का पत्र दिया है। साथ ही अपील की है कि रोटोमैक ने कर्मचारियों का ब्याज समेत सवा करोड़ पीएफ अंशदान जमा नहीं किया है। इसलिए बैंक खातों को सीज कर कर्मचारियों का बकाया दिलाया जाए।

रोटोमैक प्रबंधन ने ईपीएफओ के बकाया दी थी चुनौती

रोटोमैक प्रबंधन ने ईपीएफओ के बकाया नोटिस को ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। उसी के बाद यानी मई 2016 से कर्मचारियों का अंशदान जमा करने से मना कर दिया। इसी के बाद ईपीएफओ ने तीन नोटिस दिए जिन पर रोटोमैक प्रबंधन ने ईपीएफओ की कार्रवाई को गलत ठहरा दिया। ट्रिब्यूनल में सुनवाई हो रही है, इसलिए सीबीआई ने प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी कर ली है।

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पुलिस ने ईपीएफओ के एफआईआर को अभी तक नहीं किया दर्ज

ईपीएफओ ने प्रबंधन के खिलाफ पनकी थाने में एफआईआर के लिए तहरीर दे रखी है लेकिन अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। इसलिए अब ईपीएफओ पीएफ एक्ट का सहारा लेकर कर्मचारियों का बकाया जमा कराने की कोशिश में लग गया है।

कर्मचारियों 96 लाख है बकाया

पीएफ एक्ट में प्रावधान है कि ईपीएफओ किसी भी कम्पनी के बैंक खाते को सीज कर बकाये की रकम निकाल सकता है, इसलिए ईपीएफओ कर्मचारी हित के लिए अभी से कवायद कर रहा है। कर्मचारियों का मूलधन 96 लाख बकाया है अब उन्हें ब्याज दिलाने के लिए ही सवा करोड़ का दावा किया गया है। क्षेत्रीय आयुक्त मोहित शेखर के निर्देश पर रोटोमैक को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया। ईपीएफओ के प्रवर्तन निरीक्षक राजबली पटेल ने पनकी थाने में तहरीर दे रखी है।

 

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