देश का सबसे प्रदूषित शहर बना कानपुर, हालात और ज्यादा खराब होने की आशांका

संक्षेप:

  • दिन पर दिन खतरनाक होती जा रही है कानपुर की हवा
  • कानपुर बना देश का सबसे प्रदूषित शहर
  • दीपावली के बाद हालात और ज्यादा हो सकते हैं खराब

कानपुर: कानपुर की हवा दिन पर दिन खतरनाक होती जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रिकॉर्ड किये गए वायु गुणवत्ता सूचकांक चौंकाने वाले आये हैं. प्रदूषण नियंत्रण के मुताबिक कानपुर देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. कानपुर में पर्टिकुलर मैटर की मात्रा मानक से छह गुना ज्यादा बढ़कर हानिकारक स्तर पर पहुंच गयी है.

औधोगिक नगरी के नाम से जाना जाने वाला कानपुर महानगर इस समय प्रदूषण की मार झेल रहा है. कानपुर में कई जगहों पर कूड़े को जलाया जा रहा है जिसकी वजह से हवा जहरीली होती जा रही है. दशहरे के बाद से हवा और जहरीली हो गयी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यही हालात रहे तो दीपावली के बाद हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि ठण्ड की वजह से हानिकारक गैसों का घनत्व वायुमंडल के सबसे निचली परत पर रहता है तापमान घटने से यह स्तर और भी अधिक बढ़ सकता है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि कानपुर में मानक से डेढ़ गुना ज्यादा प्रदूषण है.

कानपुर की आबोहवा में धुएं की मात्रा इस कदर बढ़ रही है की सांस लेना दूभर होता जा रहा है. जिसका मुख्य कारण है कानपुर में कई जगहों पर जलाया जाना वाला कूड़ा. जलते हुए कूड़े से निकलने वाले धुएं की वजह से हवा के प्रदूषित होने में काफी इजाफा हो रहा है. कानपुर के एक स्कूल ने अपने बच्चो को जहरीली हवा से बचाने के लिए उन्हें स्कूल में मास्क पहनकर आने की नसीहत दी है. स्कूल टीचर से जब मास्क पहनकर आने की बात पूछी गयी तो उनका जवाब था कि वायु प्रदूषण फैल रहा है जिसकी वजह से सबको नुकसान पहुंच रहा है. बच्चों के परिजनों को बताया गया है कि अपने बच्चों को मास्क दे जिसकी वजह से बच्चे बीमारियों से बचे, बच्चों का कहना है कि जिस तरह से दशहरे में पठाखे फोड़े गए उससे प्रदूषण बढ़ा जिसकी वजह से आंखों में जलन और सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है.

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वैसे तो नियम है कि शहर में कूड़े को जलाने के बजाय उसका निस्तारण किया जाय और इसकी पूरी जिम्मेदारी कानपुर नगर निगम की है. नगर निगम के कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी कूड़े का निस्तारण करने के बजाय उसमे आग लगा देते है जिससे वायु मंडल सबसे ज्यादा प्रदूषित हो रहा है. कानपुर की साउथ सिटी में कई ऐसी जगहे हैं. जंहा पर रात के समय मसाले के पाउच जलाये जा रहे हैं जिसकी वजह से वहां की क्षेत्रीय जनता ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया लेकिन उसके बाद भी पाउच जलाना बदस्तूर जारी है. इस सम्बन्ध में जब नगर निगम के आयुक्त से बात की गयी तो उनका जवाब था कि इसको संज्ञान में लिया गया है और टीम गठित कर कार्रवाई की जायेगी. नगर आयुक्त का कहना है कि पॉलीथिन को जलाने से सबसे ज्यादा प्रदुषण होता है.

कानपुर नगर में कूड़े और पन्नियों को जलाने से निकलने वाले धुएं की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषण हो रहा है.   दशहरे के बाद से वायु प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया लेकिन अभी दीपावली नजदीक है और उसमे जलाये जाने वाले पठाखो की वजह से स्थिति और भयावह हो जायेगी.

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