नक्सलियों को असलहा सप्लाई करने वाला तस्कर राजकिशोर राय गिरफ्तार

संक्षेप:

यूपी एटीएस की टीम राजकिशोर को झारखंड से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ रवाना हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में राजकिशोर ने बताया कि जब कानपुर और अन्य कई जिलों में उसके साथी गिरफ्तार हो गए तो उसने तस्करी का काम बंद कर दिया था।

कानपुर। 50 हजार का इनामी असलहा तस्कर राजकिशोर राय को झारखंड के देवघर में गिरफ्तार किया गया है जिसका कानपुर कनेक्शन भी रहा है। यहीं वह असलहों का जखीरा खरीदकर नक्सलियों को सप्लाई करता था।

उसके सहयोगी रहे कानपुर के चार गन हाउस मालिकों को एटीएस ने चार साल पहले जेल भेजा था। हालांकि राजकुमार फरार था। मार्च 2017 में कानपुर में आईएसआईएस के खुरासन मॉड्यूल के खुलासे के बाद एटीएस को एक बड़ी लीड मिली थी।

इसमें पता चला था कि फर्जीवाड़ा कर शहर से असलहों को खरीदकर नक्सलियों और नेपाल में सप्लाई किए जा रहे हैं। एटीएस कानपुर यूनिट के तत्कालीन सीओ मनीष सोनकर के नेतृत्व में टीम ने चार गन हाउस मालिकों को गिरफ्तार किया था।

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


इसमें स्वामी खन्ना आर्मरी के विजय खन्ना, स्वामी एके नियोगी एंड कंपनी के अमरजीत नियोगी, पूर्वांचल गन हाउस के जैनुल आबदीन और जय जवान आर्म्स डीलर के राजीव शुक्ला शामिल थे। पता चला था कि फर्जी लाइसेंसों में इन सभी ने मुंगेर (बिहार) के राजकिशोर को असलहे बेचे थे।

जब मामले का खुलासा हुआ था तब करीब 30 असलहों की बात सामने आई थी। जिनको फर्जी तरीके से खरीदकर नक्सलियों को सप्लाई किया गया था। एटीएस के एक अफसर ने बताया कि राजकिशोर और उसके साथी उपेंद्र (जेल में) ने डीएम की फर्जी एनओसी बनाई। इसे कानपुर डीएम कार्यालय में जमा कर उस पर ट्रांजिट लाइसेंस जारी करवा लिया। डीएम कार्यालय से सत्यापन भी नहीं किया गया। उसी ट्रांजिट लाइसेंस से उसने गन हाउस मालिकों से असलहे खरीदे।

यूपी एटीएस की टीम राजकिशोर को झारखंड से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ रवाना हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में राजकिशोर ने बताया कि जब कानपुर और अन्य कई जिलों में उसके साथी गिरफ्तार हो गए तो उसने तस्करी का काम बंद कर दिया था। वर्तमान में वह झारखंड, बिहार और बंगाल में बड़े डीलरों के साथ प्रापर्टी डीलिंग का काम कर रहा था। नेपाल में उसका कनेक्शन है। खासकर असलहा और मादक पदार्थ तस्करों के साथ। एटीएस अब उसकी कुंडली खंगालेगी।

चार साल से राजकिशोर फरार था। केस लखनऊ में दर्ज है। एटीएस ने एक बाबू को भी इसी मामले में जेल भेजा था। राजकिशोर के पकड़े न जाने की वजह से तहकीकात बहुत आगे नहीं बढ़ सकी थी। मगर अब एटीएस इस केस की तफ्तीश आगे बढ़ाएगी। सूत्रों के मुताबिक रिमांड पर लेने के बाद राजकिशोर को कानपुर लाया जा सकता है। कई और लोगों के फंसने की भी आशंका है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Kanpur की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles