कानपुर में छात्र ने की खुदकुशी की कोशिश, बोला- मैं टेरेरिस्ट नहीं

संक्षेप:

  • होश में आने के बाद छात्र ने सुनाई आपबीती
  • प्रधानाचार्य और 3 शिक्षिकाओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
  • पीड़ित छात्र निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है

कानपुर के स्वरूपनगर में छात्र के खुदकुशी की कोशिश करने के मामले में दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य और 3 शिक्षिकाओं के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (305) की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोप है कि शिक्षिकाओं ने छात्र को स्कूल में इतना अपमानित और प्रताड़ित किया कि उसने जान देने की कोशिश की। परिजनों ने भी शिक्षिकाओं पर बेटे को खुदकुशी करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।

पीड़ित छात्र निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। उसकी हालत में पहले से सुधार है। अस्पताल में होश में आने पर मां को आपबीती बताकर छात्र फफक पड़ा। उसने कहा कि मम्मा स्कूल में मेरे पास गन लाने का आरोप लगाकर बैग चेक किया गया, जैसे मैं कोई टेरेरिस्ट हूं। मम्मा मैं टेरेरिस्ट नहीं हूं। मुझे स्कूल में बहुत परेशान किया जा रहा था। यह कहकर वह फिर बेहोश हो गया।

फतेहपुर निवासी अफसार का मौरंग-गिट्टी व प्रापर्टी का कारोबार है। परिवार में पत्नी नजराना और दो बेटे मो. अर्श (17) व अमन है। अर्श स्वरूपनगर स्थित ननिहाल में रहकर डीपीएस कल्याणपुर में 11वीं में पढ़ता है। क्लास टीचर रचना शर्मा ने 14 सितंबर को अर्श की मां को स्कूल बुलाकर उसके पढ़ाई में ध्यान न देने की शिकायत की थी। इस पर नजराना ने उनके सामने अर्श को डांटा था।

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इसके बाद वह अर्श को लेकर घर चली गई थीं। आरोप है कि इसके बाद स्कूल की शिक्षिकाएं बात-बात पर अर्श को डांटने लगी थीं, अपमानित करती थीं। इससे वह स्कूल में असहज महसूस करने लगा था। सोमवार को उस पर गन (पिस्टल) लाने का आरोप लगाकर बैग चेक किया गया। उससे कहा गया कि तुम स्कूल का माहौल बिगाड़ रहे हो। आरोप है कि क्लास में भी उसको यह कहकर अपमानित किया गया कि उसका स्टेटस क्या है।

उसकी शिकायत पर प्रधानाचार्य अर्चना निगम ने शिक्षिकाओं को बुलाकर पूछताछ की तो वे गन की बात से मुकर गईं। उन्होंने कहा कि वे रजिस्टर देखने के लिए बैग चेक कर रही थीं। छात्र का आरोप है कि वह 11वीं का छात्र है और हाईस्कूल की शिक्षिका ने उसका बैग चेक किया। इसके बाद शिक्षिकाओं ने प्रधानाचार्य को भड़का दिया। इस पर प्रधानाचार्य ने स्कूल में अनाउंस करके अर्श को बुलाया तो स्कूल के छात्र-छात्राएं अर्श को लेकर चर्चा करने लगे। इससे वह खुद को अपमानित महसूस करने लगा। इसका पता चलने पर उसकी मौसी ने स्कूल में बात की, लेकिन स्कूल छात्र का पक्ष सुनने को तैयार नहीं था। इंस्पेक्टर का कहना है कि प्रधानाचार्य अर्चना निगम, शिक्षिका ज्योति जैन, अर्पणा पुरी और जसदीप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

नींद की गोली खाने से पहले मां से बात की थी
अर्श ने शनिवार को खुदकुशी की कोशिश करने से पहले मां को फोन मिलाकर बात की थी। वह मां से बार-बार अपना ख्याल रखने के बारे में बोल रहा था। उसने मां को तीन बार फोन किया था। मां को उसकी बातों से कुछ शक हुआ तो उन्होंने भांजी को फोन कर अर्श को देखने के लिए कहा। भांजी ने अर्श के कमरे में जाकर देखा तो वह अंदर से बंद था। वह किसी तरह दरवाजा खोलकर अंदर गई तो वहां पर अर्श बेसुध पड़ा था और उसके मुंह से झाग निकल रहा था।

अस्पताल के पास में होने से बच गई जान
स्वरूपनगर में अर्श का ननिहाल मधुराज नर्सिंगहोम के पीछे है। परिजनों को जैसे ही पता चला कि उसने कुछ खा लिया है तो वे उसको नर्सिंगहोम ले गए। वहां पता चला कि उसने नींद की गोली खाने के बाद फिनायल पी लिया है। उसने हाथ की नस भी काटने की कोशिश की थी। डॉक्टर के मुताबिक परिजन सही समय पर अर्श को नर्सिंगहोम ले लाए, वरना दिक्कत हो जाती।

दस साल की सजा का है प्रावधान
वरिष्ठ अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में दोष सिद्ध होने पर आरोपी को दस साल की सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधना है। इसका मुकदमा सेशन में चलता है।

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