कानपुरः  दीक्षा का हुआ इंटरनेशनल बॉक्स‍िंग चैंपियनशि‍प के लिए चयन, पर नहीं हैं पैसे

संक्षेप:

  • मंगलसूत्र बेच मां ने बनाया बॉक्सर
  • इस वजह से रुक गए इस बेटी के कदम
  • तीन गोल्ड व एक सिल्वर जीत चुकी हैं दीक्षा

कानपुरः कानपुर की बेहद गरीब परिवार की बेटी दीक्षा सिंह बॉक्सिंग में न सिर्फ अपने पैरेंट्स का नाम रोशन कर रही हैं, बल्कि अपने शहर और देश का भी नाम रोशन कर रही हैं। लेकिन दीक्षा का सपना पैसे के अभाव में टूटता नजर आ रहा है। 3 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी दीक्षा का चयन इंटरनेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ है। इसके लिए मलेशिया जाना है, लेकिन परिवार के पास पैसे नहीं है कि वो बेटी को भेज सकें। बताया जाता है कि बेटी को बॉक्सर बनाने के लिए मजदूर मां-बाप पहले ही सब कुछ गिरवी रख चुके हैं। यहां तक कि मां ने अपना मंगल-सूत्र भी गिरवी रख दिया है।

कानपुर के नौबस्ता आवास विकास हंसपुरम में रहने वाले राजेश कुमार सिंह मजदूरी करते हैं। परिवार में पत्नी सुनैना बड़े बेटे अंकित, बेटी दीक्षा (14) और छोटे बेटे अंशु के साथ रहते हैं। दीक्षा 10वीं क्लास की स्टूडेंट है जो स्कूल से बॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू किया और आज इंटरनेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता मलेशिया के लिए चयन हुआ है।

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दीक्षा ने बताया, ``मेरी इस सफलता के पीछे मेरे-मम्मी पापा का हाथ है। उन्होंने बड़ी मुश्किल से हमारा पालन-पोषण किया है। मां ने अपनी ज्वैलरी तक गिरवी रख दिया है। अपने पैरेंट्स की यह लगन देख कर मेरा खेलने का जुनून दोगुना हो जाता है। यही वजह है कि मैं हारना नहीं, सिर्फ जीतना सीखा है। मेरी ख्वाहिश है कि मैं देश के लिए खेलूं और देख का नाम रोशन करूं।

बचपन से ही है बॉक्स‍िंग से लगाव

स्कूल में मुझे स्पोर्ट के दौरान बॉक्सिंग से लगाव हो गया। मैंने 29 जुलाई 2017 को झांसी के ध्यानचन्द्र स्टेडियम में यूपी एमैच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन प्रतियोगिता में सबसे पहला सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद अक्टूबर 2017 में गोवा के पणजी में यूनाइटेड इंडिया गेम्स एसोसिएशन की तरफ से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता। फिर नवंबर 2017 में बिहार के समस्तीपुर में स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।

25 दिसंबर 2017 रांची के खेलगांव में हुए रूलर गेम्स नेशनल फेडरेशन कप की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भी गोल्ड मेडल जीता। यही से मेरा अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए चयन हो गया। मुझे 23 से 28 मई 2018 के बीच होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए मलेशिया जाना है। इसके लिए 60 हजार रुपए की जरूरत है, लेकिन पैसे नहीं हैं।

मैं रोजाना सुबह-शाम घर पर ही प्लास्टिक की बोरी में बालू भर कर प्रैक्टिस करती हूं। इसमें स्कूल के टीचर नरेश सिंह मेरी मदद करते हैं। वो मुझे बॉक्सिंग के दांव-पेच सिखाते हैं।

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