कानपुर पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भांडा फोर, तीन गिरफ्तार

संक्षेप:

  • 13 रुपये की कॉल 50 वैसे में
  • अत्‍याधुनिक मशीनों का इस्‍तेमाल
  • देशविरोधी कार्यों का शक

कानपुर: कानपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने शहर में छापा मारकर अवैध अंतरराष्‍ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने यह कार्रवाई खुफिया विभाग की ओर से मिले इनपुट के आधार पर किया है. पुलिस ने आशंका जताई है कि इस कॉल सेंटर का इस्‍तेमाल देशविरोधी और आपराधिक गतिविधियों में किया जा रहा था.

अत्‍याधुनिक मशीनों का इस्‍तेमाल

कानपुर पुलिस ने इंटरनेट प्रोटोकॉल फोन का गलत इस्तेमाल करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करके तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का आरोप है कि इस अवैध टेलीफोन एक्सचेंज में टर्मिनेटर मशीनें लगाई गई थीं. इसमें बाहर से आने वाली कॉल्‍स को मशीन एक्ससेप्ट करती थी लेकिन इंटरनेट गेट वे को बाईपास कर देती थी. इससे ये पता लगाना मुश्किल होता है कि कॉल किस देश से आई है. साथ ही यह भी पता लगाना कठिन होता है कि इसे करने वाला कौन है.

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देशविरोधी कार्यों का शक

इन कॉल्‍स को रिसीवर के लोकल फोन पर ट्रांसफर कर दिया जाता था. पुलिस को आशंका है कि इन कॉल्‍स का इस्तेमाल दुश्मन मुल्कों में बैठे देश विरोधी तत्व और खाड़ी देशों से भारत में आपराधिक गतिविधियां संचालित करने वाले माफिया संगठन भी कर रहे थे. कानपुर में अवैध टेलीफोन चलाने के जुर्म में शहनवाज, सरफराज और नायाब अली को गिरफ्तार किया है.

13 रुपये की कॉल 50 वैसे में

हालांकि देश में आईपी फोन की बिक्री कई ऑनलाइन वेबसाइटों पर खुलेआम हो रही है. पुलिस का दावा है कि इस मशीन का उपयोग अवैध है क्योंकि इससे भारत सरकर को राजस्व की हानि होती है. गूगल के एक एप के इस्तेमाल से जिस अंतरराष्‍ट्रीय कॉल की कीमत 13 रुपये होती है, वो इस टर्मिनेटर के जरिये केवल 50 पैसे रह जाती है. पुलिस के अनुसार ऐसी मशीनों की बिक्री का दिल्ली में बड़ा बाजार है. कई बार इनके खिलाफ कार्यवाही की गई है लेकिन इस पर मुकम्मल रोक नहीं लग पाई है.

फर्जी सिम बरामद

कानपुर में पकड़े गये रैकेट के पास से टर्मिनेटर के अलावा दर्जनों फर्जी सिम भी बरामद हुए हैं. कानपुर के एसएसपी ने इस खुलासे पर मीडिया के कई सवालों पर  गोपनीयता का हवाला देते हुए उत्तर देने से इनकार कर दिया. पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर इंटेलीजेंस कोई बड़ा खुलासा कर सकती है. मामला बड़ा होने की संभावना इसलिए भी है कि छापे की इस पूरी कार्रवाई की भनक बाबूपुरवा थाने की लोकल पुलिस को भी नहीं लगने दी गई थी.

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