कानपुर: मुख्तार अंसारी की जेल एंट्री से बदली कैदियों की दिनचर्या, जेल में सन्नाटा पसरा

संक्षेप:

  • मुख्तार अंसारी की बांदा वापसी
  • जेल में पिछले तीन दिनों से सन्नाटा
  • बंदियों की दिनचर्या भी इसके साथ बदल गई

कानपुर । डॉन व विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा जेल वापसी से जेल का पूरा माहौल ही बदल गया है. जेल के अंदर स्थित 16 बैरकों और उनके अहाते पिछले तीन दिनों से खामोशी और सन्नाटे में हैं। जेल के अहाते तो सुनसान पड़े ही हैं, इनमें बंदियों की चहलकदमी भी नदारद है। बांदा जेल की दुनिया में यह बदलाव बुधवार को सुबह से आया। इसी दिन बाहुबली विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पंजाब के रोपड़ जेल से यहां पर एंट्री हुई थी।
 
बंदियों की दिनचर्या भी बदली

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के लिए पूरे जेल की जैसे काया ही पलट हो गई है। यहां बंद एक हजार से ज्यादा बंदियों की दिनचर्या भी इसके साथ बदल गई है। सुबह से देर शाम तक अहातों और गैलरियों में उनका घूमना-फिरना फिलहाल बंद है। जेल के सुरक्षा कर्मी (वार्डर) भी ड्यूटी में मौज-मस्ती से महरूम हो गए हैं।
 
बंदियों को हर वक्त कैमरे में क़ैद होने का डर

मुख्तार अंसारी की एंट्री के बाद से बंदियों से लेकर सुरक्षा कर्मियों तक को दिन-रात यह खौफ सता रहा कि हर पल वह कैमरे में कैद हो रहे हैं। सच्चाई भी यही है। जेल में 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह जेल के चप्पे-चप्पे की तस्वीरें और लाइव कवरेज कर रहे हैं। कैमरों में कैद होने वाले नजारों और दृश्यों को लखनऊ में बैठे जेल विभाग के आला अफसर और गृह मंत्रालय के बड़े अधिकारी कमांड सेंटर में स्क्रीनिंग पर सीधे देख रहे हैं।
 
पंजाब जेल में सजती थीं महफिलें

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पंजाब के रोपड़ जेल में बाहुबली विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की बैरक दिन-रात गुलजार रहती थी। बंदियों के अलावा मुलाकातियों की महफिलें सजतीं थीं। मुख्तार के लिए ऐशोआराम के साजो सामान मुहैया थे। विधायकी का पूरा रुतबा था, लेकिन बांदा जेल में हालात इसके बिल्कुल उलट हैं।

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