एक तो अवैध ऊपर से एक दिन के 50 हज़ार वसूले, नर्सिंगहोम बन रहे सौदे का अड्डा

संक्षेप:

  • सांसों के बदले ले रहे ज़्यादा पैसे
  • अवैध नर्सिंगहोमों ने बनाया मरीज़ो का धंधा
  • एक दिन में मरीज़ों से 50 हज़ार रुपये वसूले

कानपुर । कोरोना काल में इतनी मौतें देखने को मिली हैं कि अब किसी की तबीयत खराब होने का सुनकर भी रूह कांप जाती है. ऐसे में कुछ अस्पताल,नर्सिंगहोम लोगों की ज़िन्दगी से अपना धंधा चला रहे हैं. कानपुर के सरहदी इलाकों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में चल रहे अवैध नर्सिंगहोमों में सांसों की कालाबाजारी चल रही है। एक-एक, दो-दो कमरों में चल रहे इन नर्सिंगहोमों में सिर्फ ऑक्सीजन के लिए रोगियों को भर्ती किया जा रहा है। रोगियों की जांच भी नहीं कराई जाती।
 
हालत गंभीर हो जाती है, तो हैलट और उर्सला मरने के लिए भेज दिया जाता है। इनमें बहुत से रोगी कोविड पॉजिटिव भी निकलते हैं। ये नर्सिंगहोम एक दिन का 50-50 हजार रुपये मरीजों से वसूल रहे हैं। शहर में डेढ़ सौ अवैध नर्सिंगहोमों को सीएमओ की टीम ने चिह्नित किया है।
 
75 से अधिक नर्सिंगहोम अवैध

सीएमओ कार्यालय 75 से अधिक नर्सिंगहोमों का पंजीकरण मानक पूरे न होने की वजह से ऑनलाइन निरस्त कर चुका है। ये सभी अवैध की श्रेणी में हैं। इसके बाद भी कई ‘कमरा नर्सिंगहोम’ खर्चा पानी देकर चला करते हैं। महामारी आने से इनकी चांदी हो गई है।
 
होम आइसोलेशन के रोगियों को सिलिंडर मिलने में मुश्किल है। इसके साथ ही कोविड अस्पताल फुल हैं। इस स्थिति का ये नर्सिंगहोम फायदा उठा रहे हैं। ऑक्सीजन की किल्लत के चलते पीड़ित अवैध नर्सिंगहोमों के चंगुल में फंस जा रहे हैं।
 
नर्सिंगहोम सिर्फ महंगी ऑक्सीज़न दे रहे

नर्सिंगहोम वाले सिर्फ ऑक्सीजन देने के लिए भर्ती करते हैं। यह नहीं देखा जाता कि रोगी कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव। जब रोगी का ऑक्सीजन लेवल 40-50 आ जाता है तो उसे हैलट और उर्सला भेज देते हैं।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


सवाल यह है कि जब कोविड अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही और आइसोलेशन के रोगियों के तीमारदार भटक रहे हैं तो ये अवैध नर्सिंगहोम ऑक्सीजन सिलिंडर कहां से पा रहे हैं? इन पर अभी किसी स्तर से निगाह नहीं रखी जा रही है। रोगियों को नुकसान यह हो रहा है कि अंजाने में उनकी जेब भी खाली हो जाती है और मौत के मुंह में भी चले जाते हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Kanpur की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles