अटल कानपुर के रहे छात्र, लोगों ने स्वास्थ लाभ के लिए किया महामृत्युंजय का जाप

संक्षेप:

  • अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक
  • स्कूल में बच्चों ने भगवान से की प्रार्थना
  • मंदिरों में दीर्घायु के लिए महा मृत्युंजय जाप

कानपुर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक होने की सूचना मिलते ही देश के कोने-कोने में उनके स्वस्थ और दीर्घायु होने को लेकर हवन पूजन शुरू हो गया है। वहीं, कानपुर में भी जगह-जगह उनके दीर्घायु के लिए मंदिरों में महामृत्युंजय जाप और स्कूल में बच्चों और अध्यापकों ने श्री राम भगवान के सामने उनकी दीर्घायु की कामना की।

वहीं चुन्नीगंज स्थित बीएनएसडी इंटर कॉलेज की अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से बनी लाइब्रेरी में बच्चों, अध्यापकों ने कैंडल लेकर श्री राम भगवान से प्रार्थना कर उनके जल्द स्वस्थ और दीर्घायु की कामना की। अध्यापक और प्रवक्ता दिवाकर मिश्र ने बताया कि इस कॉलेज से अटल जी का गहरा नाता रहा है। अटल जी यहां संघ की शाखाओं में शामिल होते थे और यह कहा जा सकता है कि उन्होंने यहां जमीनी राजनीति की शुरुआत भी की।

आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साल 1945-47 के बीच अटल बिहारी ने राजनीति शास्त्र में एमए किया। परास्नातक पूरा होते ही वाजपेयी जी की रुचि वकालत की ओर बढ़ने लगी। साल 1948 में अटल बिहारी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज में एलएलबी में एडमीशन ले लिया। तब तक उनके पिता कृष्ण बिहारी भी कानपुर आ चुके थे। पिता-पुत्र दोनों एक साथ एक ही कमरे में रहते थे। बेटे को वकालत पढ़ता देख पिता का भी मन हुआ, उन्होंने भी उसी साल एलएलबी में एडमीशन ले लिया।

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पिता-पुत्र दोनों एक ही क्लास में बैठकर पढ़ाई करते थे। बाप-बेटे की इस जोड़ी को साथी छात्र देखने आते थे। जो प्रोफेसर इन दोनों को पढ़ाते थे वह काफी मजाक भी किया करते थे। बताया जाता कि जब पिताजी देर से पहुंचते थे प्रोफेसर ठहाके लगाकर अटल बिहारी से पूछते थे कि, आपके पिताजी कहां गायब हैं। ऐसा ही नजारा तब भी देखने को मिलता था जब अटल बिहारी देर से कक्षा में पहुंचते थे। तब प्रोफेसर पिता से पूछते कि आपके साहबजादे कहां नदारद हैं।

कानपुर में एक साल पढ़ाई पूरी करते ही अटल बिहारी ने हर माह मिलने वाली 75 रुपये की स्कॉलरशिप लेने से मना कर दिया था। क्योंकि वह खुद पैसे कमाने लगे थे। वह कानपुर के हटिया मोहाल स्थित सीएबी स्कूल में ट्यूशन देने जाते थे। यहां पर वह भूगोल वह उनके पिता अंग्रेजी पढ़ाया करते थे।

93 साल के हो गए हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब 93 साल के हो गए हैं। राजनीती से सन्यास लेने के बाद उनका स्वस्थ्य ख़राब होता चला गया, अब तो वह किसी को पहचानते भी नहीं हैं। छात्र जीवन में उनके साथी उन्हें अटल कह कर पुकारते थे। जैसा नाम वैसे ही उनके काम भी थे, अटल एक मजबूत और दृढ़ निश्चय वाले इंसान हैं। शांत और सौम्य स्वभाव के कारण उनके साथी और विरोधी दोनों उनके फैन थे।

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