कल कानपुर में होंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मेधावी छात्रों से करेंगे बातचीत

संक्षेप:

  • कानपुर IIT के दीक्षान्त समारोह में होंगे शामिल  
  • 45 स्टूडेंट्स राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे
  • राष्ट्रपति से हाथ मिलाएगा एमपी का लाल

कानपुरः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय (28-29 जून) दौरे पर कानपुर शहर में होंगे। इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कुछ जगह पर जो काम बचा हुआ है, उसे तेजी से पूरा किया जा रहा है। यहां वो 28 जून को आईआईटी कानपुर के दीक्षान्त समारोह में शामिल होंगे और  गरीब मेधा के साथ करेंगे बातचीत। खुद के किस्से सुनाएंगे तो स्टूडेंट्स की गरीबी और मुफलसी की बात सुनेंगे। सीएसआरएल सुपर-30 के निदेशक एसके शाही ने जेईई एडवांस-2018 में सफलता हासिल करने वाले यूपी और एमपी के 45 स्टूडेंट्स राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। जिसकी तैयारी संस्थान ने पूरी कर ली है।

चाय के साथ करेंगे चर्चा

राष्ट्रपति रामनाथ कोंवद दो दिवसीय दौरे के तहत अपने पैतृक शहर कानपुर आ रहे हैं। वो यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रपति 28 जून को देश के नामी शिक्षण संस्थान आईआईटी के दीक्षान्त समारोह में शामिल होंगे। यहां पर राष्ट्रपति स्टूडेंट्स को मेडल देकर नवाजेंगे। बुधवार को राष्ट्रपति कार्यालय से आईआईटी प्रशासन के पास पत्र आया है। पत्र के जरिए राष्ट्रपति ने आईआईटी के गुदगी के लालों से मुलाकात करने की इच्छा जताई है। इसी के बाद आईआईटी प्रशासन ने गरीबी और तंगहाली के बावजूद जेईई एडवांस-2018 में सफलता हासिल करने वाले उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के 45 छात्रों से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुलाकात करेंगे। उनके बारे में उन्हीं के जुबानी जानकारी लेंगे। राष्ट्रपति की पूरी चर्चा चाय के चुस्कियों के साथ शुरू होगी। फिर खुद के बारे में उन्हें बताएंगे।

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सीएसआरएल सुपर-30 के निदेशक एसके शाही ने बताया कि राष्ट्रपति कार्यालय से आए पत्र में हमारा भी नाम है। राष्ट्रपति के साथ हम और 45 स्टूडेंट्स मिलेंगे। उनकी पढ़ाई के किस्से सुनेंगे और कैसे इतने बड़े मुकाम पर पहुंचे इस पर भी उनसे जानेंगे। शाही ने बताया कि राष्ट्रपति भी गरीबी को मात देकर शिक्षा के साथ देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे हैं। हमने उनके बारे में बहुत कुछ पढद्या और जाना है। कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन से पहले वह कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई गांव से की। करीब 5 किमी रोज पढ़ाई के लिए जाना और इतनी ही दूरी पैदल चलकर घर पर आना। यह अपने आपमें बहुत बड़ी बात है। इन 45 स्टूडेंट्स में से सभी ने कठिन तपस्या के बल पर आईआईटी में दाखिला पाया है। रोहित के पिता मजदूर हैं और मजूदरी की रकम से अपने बेटे को पढ़ाया। खुद खाली पेट सोए पर अपने लाल के लिए पढ़ाई की व्यवस्था जारी रखी।

सीएसआरएल तैयार करता है आईआईटीएन्स

शाही ने बताया कि सेंटर फॉर सोशल रिस्पांसबिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) सुपर-30 के तहत कानपुर सहित देश के 20 शहरों में किसान, मजदूर, बेसहारा बच्चों को जेईई मेंस और एडवांस की तैयारी कराई जाती है। इस बार अकेले कानपुर केंद्र के 100 छात्रों में से 99 ने जेईई मेंस में सफलता हासिल की थी। जबकि, 52 ने एडवांस में भी अपना परचम लहराया। इन्हीं 52 छात्रों में से 45 छात्र गुरुवार को राष्ट्रपति से विशेष मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति छात्रों से संवाद करेंगे और फोटो उनके साथ खिंचवाएंगे। एसके शाही के मुताबिक मुलाकात के लिए सभी 52 छात्रों को आना था, लेकिन सात शहर से बाहर हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र किसान, मजदूर, फुटकर दुकानदार के घर से ताल्लुक रखते हैं। शाही के मुताबिक उनकी संस्था गांवों और कस्बों में जाकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बारे में जानकारी करते हैं और मेधा की काबलियत को देख उन्हें निशुल्क में आईआईटी, एमबीबीएस, सिविल की तैयारी कराते है।

राष्ट्रपति से हाथ मिलाएगा एमपी का लाल

एमपी के छोटे से गांव मरबोदी में रहने वाले शिवकुमार डेहरिया किसान हैं और खेती के जरिए अपना व परिवार को पालन-पोषण करते हैं। शिवकुमार कस बेटा प्रेम नारायण बचपन से पढ़ाई में अव्वल था। हाईस्कूल में 84 तो इंटरमीडिएट की परीक्षा में 89 प्रतिशत अंक लाकर गरीब पिता का सीना चौडा कर दिया। प्रेम नारायण का सपना था कि वो आईआईटी की तैयारी की साइंटिस्ट बनें, लेकिन महंगी पढ़ाई होने के चलते उसके सपने चकनाचूर होने लगे। इसी दौरान सीएसआरएल सुपर-30 के निदेशक एसके शाही की नजर इस मेधा पर पड़ी तो उन्होंने अपन कार की स्ट्रेरिंग प्रेमनारायण के गांव की ओर मोड़ दी। शाही मेधा के परिजनों से मिले और उसे आईआईटीएन्स बनाने का संकल्प लिया। पहले ही प्रयास में प्रेमनारायण ने जेईई एडवांस्ड में 111वीं रैंक हासिल कर सभी को चौका दिया। 28 जून को प्रेम नारायण राष्ट्रपति से मिलेगे। इसकी जानकारी होने पर मेधा के आंख से खुशी के आंसू टपकने लगे।

2008 में रखी थी अधारशिला

एसके शाही के मुताबिक सीएसआरएल सुपर-30 की शुरुआत उन्होंने जनवरी-2008 में की थी। इस प्रोग्राम के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। छात्रों के रहने और खाने-पीने तक का खर्च सीएसआरएल सुपर-30 ही उठाता है। इसके लिए ओएनजीसी, एनटीपीसी, गेल, ऑयल इंडिया जैसी कई कंपनियां सीएसआर के तहत आर्थिक मदद देती हैं। शाही ने बताया कि नए सत्र से मेडिकल के लिए भी गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। शुरुआत में असम और मुंबई में केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद अन्य शहरों में भी इसके केंद्र शुरू होंगे।

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