शिमला के रेस्त्रां में नाश्ता करने पहुंचे राष्ट्रपति, अपने क्रेडिट कार्ड से चुकाया बिल

संक्षेप:

  • शिमला में उठाया स्नैक्स का लुत्फ, डेबिट कार्ड से किया भुगतान
  • राष्ट्रपति के अचानक पहुंचने और बिल चुकाने से रेस्त्रां कर्मी खुश
  • उन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग रेस्त्रां के आसपास उमड़े

कानपुरः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के दौरे पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वहां के चर्चित माल रोड में न सिर्फ एक आम नागरिक की तरह बाजार में घूमते नजर आए बल्कि उन्होंने एक बुक स्टॉल से अपनी पोती के लिए कई किताबें भी खरीदी। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद एक कैफेटेरिया में गए जहां उन्होंने कॉफी पिया। सबसे खासबात यह रही कि राष्ट्रपति कोविंद ने बुक स्टॉल से लेकर कॉफी तक का भुगतान अपने निजी क्रेडिट कार्ड के जरिए किया। इस दौरान राष्ट्रपति को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग रेस्त्रां के आसपास उमड़ पड़े. राष्ट्रपति ने लोगों का अभिवादन किया।

देवभूमि की कृपा से राष्ट्रपति पद तक पहुंचा

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कोविंद ने कहा कि शिमला दौरे से लौटने के बाद उन्हें एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का कैंडिडेट घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि देवभूमि की कृपा से ही वे इस पद तक पहुंचे। बता दें कि जब कोविंद को राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया गया था, तब वे बिहार के राज्यपाल थे। राष्ट्रपति ने कहा, "हिमाचल के साथ मेरा पुराना नाता है। मैं पहली बार 1974 में एक कार्यक्रम के दौरान कुल्लू-मनाली आया था और वे यादें आज भी मेरे जेहन में जिंदा हैं।`

गणतंत्र दिवस पर पहनी थी हिमाचली टोपी

रामनाथ कोविंद ने कहा, मैंने इस साल गणतंत्र दिवस पर हिमाचली टोपी पहनी थी। इसके अलावा हिमाचल के उन शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी थी। इनमें पहला परमवीर चक्र पाने वाले राम सिंह पठानिया, मेजर सोमनाथ, कैप्टन विक्रम बत्रा, सौरभ कालिया और संजय कुमार शामिल थे। कोविंद ने कहा कि देश कभी भी इन नायकों को भूल नहीं सकता है। उन्होंने शहीद मेमोरियल के निर्माण के लिए एक ईंट शहीदों के नाम कार्यक्रम के तहत बिलासपुर के संजीव राणा को ईंट भी भेंट की।

डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि लेने से किया इंकार

इससे पहले सोमवार को डॉ वाय एस परमार विश्वविद्यालय सोलन में डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि लेने से इंकार कर दिया था। विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा था, "मैं आपकी भावना की कद्र करता हूं लेकिन मैं इसके लिए काबिल नहीं हूं।

बहरहाल देश के सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति को सभी सुविधाएं और भत्ते मिलते हैं लेकिन अपने खर्च का भुगतान निजी क्रेडिट कार्ड से करके उन्होंने देश को एक सकारात्मक संदेश दिया है कि राष्ट्रपति भी एक आम नागरिक की तरह ही होता है।

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