राहत: महीने बाद थोड़ा कम हुआ अंत्येष्टि आंकड़ा, जनाज़ों में भी आई गिरावट

संक्षेप:

  • नीचे आया अंत्येष्टि का आंकड़ा
  • 300 से कम अंतिम संस्कार हुए
  • जनाज़ों की संख्या में भी गिरावट हुई

कानपुर । इस साल के कोरोना संक्रमण ने लगभग हर वर्ग के व्यक्ति को निशाना बनाया है. सबसे ज़्यादा मरने वालों में युवा वर्ग आया है. लेकिन अब एक राहत की खबर आई है. एक महीने बाद गुरुवार को कानपुर के विभिन्न घाटों पर अंत्येष्टि के लिए सबसे कम शव पहुंचे। 297 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। यह आंकड़ा पहली बार 300 से नीचे आया।

वहीं, नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को रात 9 बजे तक भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह में कोरोना संक्रमितों सहित 57 शव पहुंचे। इनमें से 13 का बिजली से अंतिम संस्कार किया गया, 44 अन्य का लकड़ियों से अंतिम संस्कार हुआ।
 
सबसे कम जनाजे दफन हुए

कानपुर के प्रमुख कब्रिस्तानों में गुरुवार को पहली बार सबसे कम 12 जनाजों को दफन किया गया। दक्षिण शहर के सबसे बड़े बगाही कब्रिस्तान में कोरोना की दूसरी लहर में यह पिछले करीब एक महीने में पहला मौका था, जब गुरुवार को कोई भी जनाजा नहीं दफन हुआ।

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यहां पर न सिर्फ बाबूपुरवा, बेगमपुरवा, अजीतगंज, किदवई नगर के मुस्लिम समाज के जनाजे दफन होते हैं बल्कि कैंट के मीरपुर, फेथफुलगंज, चंदारी, सुजातगंज, रेल बाजार जैसी मुस्लिम आबादी के जनाजों की तदफीन भी होती है।

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