कर'नाटक': ये हैं दो रास्ते, जिससे येदियुरप्पा साबित कर सकते हैं बहुमत

संक्षेप:

  • कल `फ्लोर टेस्ट` का सामना करेंगे येदियुरप्पा
  • इस ट्रिक से बहुमत जुटा लेगी बीजेपी
  • कांग्रेस के लिंगायत MLA पर बीजेपी की नजर

कर्नाटक की राजनीति में पलपल बदलते घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा कल शाम चार बजे `फ्लोर टेस्ट` का सामना करेंगे. उन्हें सूबे में सरकार बनाने के लिए आठ सीटों की दरकार है. बीजेपी को पूरा भरोसा है कि वह कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रहेगी. बीजेपी सूत्रों की मानें तो 12 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. जिसमें आठ कांग्रेस, दो जेडीएस और दो अन्य के विधायक शामिल हैं. लेकिन यह सब उतना आसान नहीं है.

1- बीजेपी के कहने पर अगर कांग्रेस और जेडीएस के विधायक वोटिंग के दौरान सदन में अनुपस्थित रहें या फिर उसके पक्ष में वोट कर दें. ऐसे कांग्रेस और जेडीएस व्हीप जारी करेगी और तब अगर कोई विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर बीजेपी के पक्ष में वोट करता है तो इससे उनकी सदस्यता जा सकती है.

सदन में वोट गिने जाते हैं, यह नहीं कि व्हिप का उल्लंघन कर कहां वोट दिया. बीजेपी को वोट देने वालों के खिलाफ बाद में कार्रवाई होती रहेगी. इसके लिए बीजेपी को बहुमत के आंकड़े के पास लाने के लिए कांग्रेस और जेडीए के 15 विधायकों को इस्तीफा दिलवाना होगा. इस हालत में सदन के सदस्यों की कुल संख्या 222 से 208 हो जाएगी और इस आंकड़े पर बीजेपी आसानी से बहुमत पा जाएगी.

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2- कांग्रेस के पास 21 और जेडीएस के 10 लिंगायत विधायक हैं. बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय के बड़े नेता हैं. अगर वह लिंगायत के नाम पर इन विधायकों को मनाने में कामयाब हो जाते हैं. बहुमत के लिए जरूरी मैजिक नंबर को हासिल करने के लिए बीजेपी की नजर जेडीएस और कांग्रेस के कुछ विधायकों पर है. जिन्हें फ्लोर टेस्ट के दौरान सदन से गैरहाजिर रखकर बीजेपी अपने लिए स्थिति अनुकूल बना सकती है.

क्या है नंबर गेम?

बीजेपी का दावा अगर सही साबित होता है और 12 विधायक पार्टी के पाले में आ जाते हैं तो येदुरप्पा मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में सफल रहेंगे. सीटों के खेल को आंकड़ों में समझते हैं. जेडीएस नेता और विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के चेहरे कुमारस्वामी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है उन्हें एक सीट छोड़ना होगा. ऐसे में मौजूदा स्थिति के अनुसार सदन में विधायकों की संख्या 222 से 221 हो जाएगी. तब सूबे में बहुमत के लिए 111 सीटों की जरूरत होगी. बीजेपी के पास कर्नाटक में 104 सीटें हैं. अगर विपक्ष (जेडीएस और कांग्रेस) के 10 विधायक वोटिंग से गायब रहते हैं तो बहुमत साबित करने के लिए 106 सीटों की ही जरूरत होगी.  अब अगर दो अन्य विधायक बीजेपी के पक्ष में वोट करते हैं तो बीजेपी 106 सीट (बीजेपी 104+ 1 निर्दलीय+ 1 केपीजेपी) का जादुई आंकड़ा पाने में सफल हो जाएगी.

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