
लखनऊ, 11 दिसंबर (भाषा) गरीबी और लाचारी के चलते अपने सपने खो चुके दिव्यांग बच्चों के लिए रामपुर में शुरू की गई अनूठी पहल एक नयी उम्मीद लेकर आई है।
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जरूरतमंदों को तत्काल सहायता देने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर की गई इस पहल के तहत जनसहयोग से एकत्र धन से अब तक कई दिव्यांगों का उपचार कर उन्हें नयी जिंदगी दी जा चुकी है।
मुरादाबाद के वर्तमान मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने रामपुर में जिलाधिकारी के तौर पर 26 अगस्त 2020 को एक कोष बनाया था।
इसका मकसद उन बच्चों को बीमारी के इलाज के लिए तत्काल मदद मुहैया कराना था, जो आमतौर पर किसी सरकारी योजना से आच्छादित नहीं होते हैं या फिर वे जिन्हें किसी योजना से लाभ तो मिल सकता है, लेकिन उन्हें इलाज के लिए फौरन धन की जरूरत होती है।
इस कोष से अब तक 94 बच्चों का उपचार कराया जा चुका है।
कोष के संचालन के लिए बाकायदा एक समिति गठित की गई है और इससे होने वाले खर्च के लिए जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी का एक संयुक्त बैंक खाता खोला गया है।
मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लगभग हर तबका आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ था।
खासतौर पर निम्न आय वर्ग वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
जब लॉकडाउन धीरे-धीरे खुलने लगा, तब महामारी की विभीषिका का एक और पहलू सामने आया।”
उन्होंने कहा, “मैंने सड़कों पर ऐसे बहुत से बच्चों को देखा, जो महामारी के कारण अपने पिता के बीमार होने या अन्य कारणों से छोटे-छोटे काम कर रहे थे।
ऐसे बच्चों की तत्काल मदद के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है।
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