भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प: मायावती ने सरकार से कूटनीतिक तरीके से मुद्दे का हल निकालने को कहा

लखनऊ, 13 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को ‘दुखद और चिंतनीय’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुद्दे का हल कूटनीतिक तरीके से निकालना चाहिए।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख ने ‘जैसे को तैसा’ देने के लिए भारतीय सेना की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि सरकार को खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।

मायावती ने ट्विटर पर कहा,""अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष और उसमें कई सैनिकों के घायल होने की खबर अति-दुःखद व चिन्तनीय।

यूक्रेन युद्ध के परिणामों से पीड़ित एवं सहमी दुनिया में भारत-चीन सेना के बीच नए संघर्ष पर तुरन्त कूटनीतिक तरीके से काबू पाना जरूरी।""

उन्होंने कहा, ""भारतीय सेना ने चीन के साथ ताज़ा मामले में भी एक बार फिर जैसे को तैसा मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी प्रसिद्धि के अनुरूप कार्य किया है, जो सराहनीय।

अब सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी कूटनीतिक कुशलता का परिचय दे, यही देश को उम्मीद।

अपने खुफिया तंत्र को भी और मजबूत बनाना होगा।""

भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’

पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

भाषा जफर नोमान

नोमान

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