नैमिषारण्य को वैदिक, आध्यात्मिक और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा
- न्यूज़
- Thursday | 8th December, 2022

लखनऊ, आठ दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग सीतापुर के नैमिषारण्य और मिश्रिख-नीमसार का कायाकल्प करने जा रहा है।
एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
बयान के मुताबिक, नैमिषारण्य को वैदिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और इको टूरिज्म के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पर्यटन विभाग के आला अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मंत्रिपरिषद की बैठक में नैमिषारण्य को पौराणिक महत्व के अनुरूप आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया था।
साथ ही यहां नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद के गठन का भी फैसला किया गया था।
मुख्य सचिव के समक्ष पर्यटन विभाग की ओर से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ की आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग फैकल्टी ने प्रस्तुतिकरण दिया।
इसमें नैमिषारण्य के विकास का पूरा मास्टर प्लान समझाया गया।
इसके तहत नैमिषारण्य को इसके प्राकृतिक और मानव निर्मित विविध स्रोतों के कारण चार पर्यटन क्षेत्रों में बांटा जाएगा।
बैठक के दौरान पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि यहां बने मां ललिता देवी मंदिर में कई द्वार हैं और सामने कई दुकानों की वजह से जाम की स्थिति रहती है, जिस पर काम किया जाएगा।
मेश्राम ने कहा कि यहां का कुंड इस्तेमाल में नहीं है, जिसे पुन: शुरू किए जाने की आवश्यक्ता है।
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