तस्वीरों में है सबूत, INS Virat पर कब और किन-किन लोगों के साथ राजीव-सोनिया ने लिए होलीडे के मजे

संक्षेप:

  • राजीव गांधी 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने पूरे परिवार और खास मित्रों के साथ एक बेहद खूबसूरत द्वीप बंगाराम  गए थे
  • राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया की मां आर माइनो, उनके भाई और मामा शामिल थे
  • अमिताभ बच्चन एक दिन के बाद यहां कोचीन-कावारत्ती हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करने के दौरान राजीव गांधी पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी फैमिली हॅालीडे पर जाने के लिए आईएनएस विराट को उपयोग टैक्सी की तरह किया.

तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने पूरे परिवार और खास मित्रों के साथ एक बेहद खूबसूरत द्वीप गए थे. दक्षिण भारत में कोचीन से 465 किलोमीटर पश्चिम की ओर लक्षद्वीप के पास स्थित यह बेहद खूबसूरत आईलैंड है, जिसका नाम बंगाराम है. राजीव गांधी के मित्रों में अमिताभ बच्चन और उनका परिवार भी शामिल था. गांधी परिवार के इस नितांत गोपनीय दौरे को मीडिया से छिपाने की भरसक कोशिश की गई थी. फिर भी मीडिया को 26 को ही इसकी भनक लग गई, जब राहुल गांधी ने अपने चार दोस्तों के साथ लक्षद्वीप प्रशासन के नारंगी और सफेद रंग के एक हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी थी.

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छुट्टी पर अलग-अलग कई समूहों में लोग इस द्वीप पर पहुंचे थे. राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया की मां आर माइनो, उनके भाई और मामा शामिल थे. ये तो थे गांधी परिवार के रिश्तेदार. इस दौरे में राजीव गांधी के बेहद खास दोस्त अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और 3 बच्चे शामिल थे. तीन बच्चों में अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी शामिल थीं, जो कि फॉरेन एक्सचेंज रेग्यूलेशन एक्ट का उल्लंघन करने के मामले में फंसी थीं. इसके अलावा एक और परिवार इस टूर में शामिल था, जिनका नाम बिजेंद्र सिंह था. इसके अलावा दो विदेशी मेहमान भी इस आलीशान पार्टी में शामिल थे. राजीव और सोनिया 30 दिसंबर की दोपहर में ही इस खूबसूरत द्वीप पर छुट्टी मनाने पहुंच गए थे, जबकि अमिताभ बच्चन एक दिन के बाद यहां कोचीन-कावारत्ती हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे. जया बच्चन चार दिन पहले प्रियंका और अपने बच्चों के साथ पहुंची थीं. बंगाराम द्वीप पर अमिताभ बच्चन के आने की खबर को भी छिपाने की कोशिश की गई थी. लेकिन 31 दिसंबर को बंगाराम से कुछ दूरी पर स्थित एक अन्य आईलैंड कावारत्ती पर अमिताभ के हेलिकॉप्टर को ईंधन भराने के लिए उतरना पड़ा. इसमें 50 मिनट लगे.

इसके बाद ये बात जगजाहिर हो गई. छुट्टियां मनाकर वापस लौटते वक्त अमिताभ बच्चन को इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर ने कैप्चर कर लिया. इस पर अमिताभ नाराज हो गए. उन्होंने फोटोग्राफर को चेतावनी भी दी, लेकिन फोटोग्राफर तब तक अपना काम कर चुका था.लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से सभी के लिए खाने का इंतजाम किया गया था. बंगाराम द्वीप पर दो रसोइयों समेत पांच लोग रुके थे. गांधी परिवार के खाने की पसंद का ख्याल रखने के लिए दिल्ली से उनका पर्सनल कुक भी गया था, जो दिशा-निर्देश दे रहा था.

इतना ही नहीं, नई दिल्ली से शराब भी ले जाई गई थी. पास में मौजूद एक अन्य द्वीप में 100 चिकन की भी व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा लक्षद्वीप से ताजे फल जिनमें पपीता, सपोता, केले और अमरूद भेजे गए थे. कावारत्ती से 100 ब्रेड और बटर मंगाए गए थे. इसके अलावा कोचीन से कैडबरी की चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स की 40 क्रेट, मिनरल वाटर की 300 बोतल, अमूल चीज, काजू, 20 किलो आटा, 105 किलो चावल और कुछ ताजी सब्जियां मंगाई गई थीं. इन सामानों की पहली खेप 23 दिसंबर को, दूसरी खेप तीन दिन के बाद और फिर 1 जनवरी को कुछ सामान भेजा गया.

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