माया-अखिलेश की इस गलती के चलते अमेठी में हारे राहुल गांधी!

संक्षेप:

  • कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, `पार्टी प्रमुख ने 2014 में 4, 08,651 वोट हासिल किए थे,
  • जबकि उन्हें 2019 में 4,13,994 वोट मिले. इस बीच, 2014 में अमेठी से बसपा उम्मीदवार को लगभग 57,000 वोट मिले थे.
  • दिलचस्प बात यह है कि इस बार राहुल गांधी अमेठी में करीब 55,000 वोटों के अंतर से हार गए.`

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, `पार्टी प्रमुख ने 2014 में 4, 08,651 वोट हासिल किए थे, जबकि उन्हें 2019 में 4,13,994 वोट मिले. इस बीच, 2014 में अमेठी से बसपा उम्मीदवार को लगभग 57,000 वोट मिले थे. दिलचस्प बात यह है कि इस बार राहुल गांधी अमेठी में करीब 55,000 वोटों के अंतर से हार गए.`

उत्तर प्रदेश स्थित अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हार पर पार्टी को दो सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा और ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सचिव जुबैर खान के पैनल ने रिपोर्ट सौंपी है. दोनों ने अमेठी के पांचों विधानसभा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

23 मई को संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पारंपरिक सीट अमेठी से राहुल को स्मृति ईरानी से कड़ी हार मिली थी. कथित तौर पर पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जमीनी स्तर पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर से `सहयोग` नहीं मिला. उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए एक साथ गठबंधन में लड़े सपा और बसपा ने अमेठी से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. स्थानीय नेताओं ने यह दावा भी किया कि बसपा का प्रत्याशी न होने की वजह से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा. पैनल को यह भी जानकारी दी गई कि बसपा प्रत्याशी होने की दशा में जो वोट उन्हें मिलते वह उसकी गैरमौजूदगी में कांग्रेस को न मिलकर बीजेपी को मिले.

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