योगी सरकार ने गन्ना किसानों को दी बड़ी राहत, बकाया भुगतान के लिए म‍िलों को दिए 500 करोड़ रुपये

संक्षेप:

  • गन्ना किसानों के भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये।
  • सीधे गन्ना किसानों के खाते में पहुंचेगी धनराशि।
  • आगे और रकम जारी की जाएगी।

लखनऊ- प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। गन्ना किसानों के भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये की रकम सहकारी चीनी मिलों को जारी की गई है। यह धनराशि सीधे गन्ना किसानों के खाते में पहुंचेगी। पेराई सत्र 2021-22 के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान सरकार की प्राथमिकता में है। अब तक प्रदेश के गन्ना किसानों को रिकार्ड 1,75,835 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि किसानों की बकाया धनराशि देने के लिए 500 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई है। गन्ना मूल्य की बकाया धनराशि के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कुल धनराशि किए गए प्रविधान में से यह रकम जारी की गई है। आगे और रकम जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। उन्हें किसी भी तरह की कोई कठिनाई न हो इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों द्वारा किसानों को किए जा रहे भुगतान की सतत समीक्षा की जा रही है। कहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। किसानों को रिकार्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। सरकार चाहती है कि चीनी मिल से किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान तुरंत हो। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने दो द‍िन पहले ही चीनी मिल प्रतिनिधियों को इस संबंध में स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि गन्ना मूल्य का तुरंत भुगतान नहीं हुआ तो चीनी मिलों को भारत सरकार की अनुदान योजनाओं से वंचित किया जा सकता है।

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वहीं, प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी ने निर्देश दिया है कि चीनी मिलों के ब्वायलर से निकलने वाली राख से पोटाश बनाया जाए। वहीं संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने चीनी मिलों को कारपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से ड्रिप सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कहा। साथ ही निर्देश दिया कि चीनी मिल आसवनियों को वर्ष भर चलाएं, जिससे इथेनाल की आपूर्ति बाधित न हो। 

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