Inside story: भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले अभिषेक अचानक कैसे हो गए मानसिक बीमार  

संक्षेप:

  • एसपी गोयल पर आरोप लगाने वाले अभिषेक बोले
  • `मानसिक संतुलन बिगड़ गया था इसलिए लगाए आरोप`
  • अभिषेक गुप्ता प्रकरण पर खास रिपोर्ट

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव पर घूस मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता अपने बयान से पलट गए हैं। पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद अभिषेक गुप्ता का कहना है कि उन्होंने पेट्रोल पंप के लिए लोन लिया था लेकिन उनके पेट्रोल पंप की फाइल रद्द हो गई और वह मानसिक तनाव में आ गए। अभिषेक ने कहा है कि उन्होंने तनाव में आकर एसपी गोयल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए।

अब सवाल है कि एक अच्छा-भला शख्स पुलिस की हिरासत में आठ घंटे तक रहने के बाद `मानसिक रूप से बीमार` कैसे हो जाता है। बिना डॉक्टर के पास गए हिरासत में ही उसे इस बात का पता भी चल जाता है कि वह `मानसिक रूप से बीमार` है और वह इसका एलान भी कर देता है।

दरअसल सूबे के सबसे ताकतवर अधिकारियों में से एक एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता को पुलिस की टीम उनके घर से ले गई। शिकायतकर्ता से पुलिस ने आठ घंटे पूछताछ की। आठ घंटे की पूछताछ में शिकायतकर्ता का `हृदय परिवर्तन` हो गया और इसी दौरान उसे अपनी `मानसिक बीमारी` का भी पता चल गया। चंद घंटे पहले तक एसपी गोयल पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक ने कहा कि एसपी गोयल सर पर मैंने झूठे आरोप लगाए। अभिषेक जब ऐसा बोल रहे थे, तब उनकी जुबान बुरी तरह लड़खड़ा रही थी।

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या तो अभिषेक पहले झूठ बोल रहे थे या अब बोल रहे हैं, पर इस पूरे प्रकरण ने पहले से ही आक्रामक विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि ऊंगली मुख्यमंत्री कार्यालय पर उठी है। यह गंभीर बात है। इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सत्ताधारी पार्टी के विधायक ही कह रहे हैं कि करप्शन हो रहा है।

इस पूरे प्रकरण पर विपक्ष चुटकी ले रहा है, क्योंकि इस मामले में राज्यपाल रामनाईक ने कहा था कि जांच तो होनी चाहिए। विपक्ष भी जांच की मांग कर रहा है। अब अभिषेक के बदले बोल के बाद क्या पूरे मामले की जांच होगी या यह मान लिया जाना चाहिए कि पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हो गया।

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