सपा में शिवपाल की एंट्री पर अखिलेश ने लगाया ग्रहण! मुलायम परिवार में सुलह की उम्मीदें धूमिल

संक्षेप:

  • मुलायम सिंह यादव परिवार में फिलहाल सुलह की उम्मीदें धूमिल नजर आ रही हैं.
  • समाजवादी पार्टी में फिलहाल शिवपाल सिंह यादव की एंट्री की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है.
  • लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से चर्चाएं तेज थीं कि चाचा-भतीजे एक साथ आ सकते हैं.

लखनऊ: मुलायम सिंह यादव परिवार में फिलहाल सुलह की उम्मीदें धूमिल नजर आ रही हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से चर्चाएं तेज थीं कि चाचा-भतीजे एक साथ आ सकते हैं. पर, मुलायम की तबीयत खराब होने के बाद जिस तरह का घटनाक्रम सामने आया, उससे फिलहाल एका की चर्चाएं बेदम नजर आने लगी हैं.

अखिलेश ने अपने करीबियों को दिए हैं संकेत

वैसे इसका संकेत तो सोमवार को उसी समय मिल गया था जब मुलायम सिंह का हालचाल लेने गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट में शिवपाल की कोई फोटो या उनका कोई उल्लेख नहीं दिखा. मंगलवार को यह और स्पष्ट हो गया. एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने करीबियों को और स्पष्ट संकेत दिए कि शिवपाल सिंह यादव को पार्टी में वापस लेने की चर्चाओं में कोई दम नहीं है. दूसरी तरफ, शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्षों की यहां हुई बैठक में अकेले आगे बढ़ने और पार्टी को मजबूत बनाने का फैसला किया गया.

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


सपा में शिवपाल की एंट्री की कोई गुंजाइश नहीं

समाजवादी पार्टी में फिलहाल शिवपाल सिंह यादव की एंट्री की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है. वजह, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव उन्हें लेकर काफी सशंकित हैं. वे नहीं चाहते कि घर-परिवार व संगठन से लेकर चुनाव आयोग तक जंग लड़कर उन्होंने पार्टी में जो वर्चस्व स्थापित किया है, उसे फिर खतरे में डाला जाए. लगातार दो लोकसभा चुनाव और एक विधानसभा चुनाव हारने के बाद अखिलेश पर परिवार को एक करने का दबाव बढ़ा है. खासकर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि पार्टी को खड़ा करने में योगदान देने वाले छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को दुबारा साथ लाया जाए.
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम का कहना है कि जब धुर राजनीतिक विरोधी कांग्रेस और बसपा से गठबंधन किया जा सकता है तो शिवपाल को साथ लेने से परहेज क्यों? पर, अखिलेश इसके लिए तैयार नहीं हैं.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles