अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को लेकर बड़ा खुलासा, अवैध रूप से खर्च हुए थे 4.50 करोड़ रुपए

संक्षेप:

  • सरकारी बंगले को लेकर बड़ा खुलासा
  • बंगले के निर्माण में हुए थे 4.50 करोड़ रुपये खर्च
  • बंगले में तोड़फोड़ से 10 लाख रुपये के नुकसान की बात

लखनऊ: सपा के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बंगले में हुई तोड़फोड़ के बाद आई जांच रिपोर्ट में जहां 10 लाख के नुकसान की बात कही गई है, वहीं बंगले की साज-सज्जा निर्माण को लेकर 4.50 करोड़ की धनराशि अवैध तरीके से खर्च करने का खुलासा हुआ है।

जांच में पता चला कि ऐसे निर्माण कार्य कराए गए थे, जो नियमों मुताबिक नहीं होनी चाहिए या फिर सरकारी बंगलों का हिस्सा नहीं होते। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने बंगले में गेस्ट हाउस और जिम भी बनवाया था। बंगले के हर कमरे की खास तौर पर डेकोरेशन की गई थी बहुत महंगे टाइल्स लगवाए गए थे। मेहमानों के लिए ही नहीं नौकरों के लिए भी खास तौर पर व्यवस्थाएं की गई थी।

बंगले में हुई तोड़फोड़ के बाद PWD की कमेटी ने गहराई से पूरे मामले की जांच की जिसके बाद जो सच्चाई सामने आई उससे सभी हैरान हैं। हालांकि किसी बड़े नेता के सरकारी बंगले में हुए निर्माण और तोड़फोड़ के बाद जांच का यह पहला मामला है। पहले भी कई नेता अपने आवास में इस तरह के अवैध निर्माण कराते रहे हैं। बंगले को सजाने-संवारने में सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया गया है।

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मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने यह बंगला अपने शेष जीवन के लिए तैयार करवाया था। इसलिए उन्होंने बड़े शौक से इस बंगले में तमाम सुख सुविधाओं को विकसित करवाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री के हर तरह के निर्देश का पालन अधिकारियों ने किया। जो अधिकारी आज नियम कानूनों का हवाला दे रहे हैं, जो अधिकारी जांच  रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं उन्हीं अधिकारियों ने अखिलेश यादव की कुर्सी पर रहते हुए ही उनके बंगले का उनके इशारों पर निर्माण कराया। तमाम वह चीजें भी निर्मित करवाई गई जो नियम विरुद्ध थींl

कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने बंगलों में तमाम तरह के मनचाहे निर्माण करवाएं हैं।  पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बंगला तो किसी किले और महल की तरह बनाया गया था।  इसके अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने बंगलों में  मनमाफिक सुविधाएं विकसित करवाने के लिए सरकारी खजाने का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया।

लखनऊ की VIP इलाकों में स्थित बंगलों को देखा जाए तो आसानी से समझा जा सकता है कि तमाम बंगलों के मूल निर्माण में भारी परिवर्तन किया जा चुका है। ताकतवर अधिकारियों और नेताओं ने कुछ सालों के लिए मिलने वाले सरकारी बंगलों और दफ्तरों में मनचाहा तोड़फोड़ करवाया और मनचाह निर्माण और साज-सज्जा करवाई।

अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को लेकर शुरू हुई जांच से जहां रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, वहीं सरकार बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई के तोहमत से बचना भी चाह रही है। लिहाजा सूबे के बड़े अधिकारी भी इस पर खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

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