अयोध्या केस: जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यहां सब अनुमान, असली सबूत कहां हैं?

संक्षेप:

  • अयोध्या की सुप्रीम कोर्ट में आज 33वें दिन की सुनवाई, मुस्लिम पक्ष ने फिर एएसआई रिपोर्ट का जिक्र किया.
  • इससे पहले एएसआई रिपोर्ट पर सवाल खड़े करने के बाद माफी मांगी गई थी.
  • गुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 18 अक्टूबर सुनवाई की आखिरी डेट है.
     

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई का शुक्रवार को 33वां दिन था. अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से ASI रिपोर्ट पर बहस कर रहीं मीनाक्षी अरोड़ा ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस पर कई एक्सपर्ट ने सवाल खड़े किए हैं, ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां पर दोनों पक्ष पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट और अनुमान पर ही बहस कर रहे हैं, किसी के पास प्रत्यक्ष सबूत नहीं हैं.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान इस मसले पर कुछ इस तरह बहस हुई...

सुप्रीम कोर्ट में मीनाक्षी अरोड़ा की ओर से कहा गया कि पुरातत्व को सिर्फ एक एक्सपर्ट के तौर पर देखा जा सकता है. इसके समर्थन के लिए साथ में कोई सबूत होना भी जरूरी है. कई एक्सपर्ट्स ने इस पर सवाल खड़े किए हैं, ऐसे में इसकी जांच भी होनी चाहिए. जिस पर जस्टिस नज़ीर ने कहा कि पुरातत्व भी पूरी तरह से विज्ञान नहीं है और सेक्शन-45 इस पर लागू नहीं होता है. ASI रिपोर्ट की जांच की गई और आपत्तियों पर विचार किया गया है. आप रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं क्योंकि एक कमिश्नर ने यह रिपोर्ट दी थी जो कि जज के समान थे.
मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट अनुमान के तौर पर काम करती है. इस पर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि क्या आपके पास कोई ऐसा पुरातत्व वैज्ञानिक है जो ASI की रिपोर्ट को नकार दे. मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए गवाहों की राय भी पुरातत्व विभाग से इतर थीं. उन्होंने कहा कि जयंती प्रसाद श्रीवास्तव, रिटायर्ड पुरातत्व अधिकारी ने विभाग की रिपोर्ट से इतर राय रखी थी.
बहस के दौरान जस्टिस बोबड़े ने कहा कि दोनों ही पक्षों के पास कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है, सभी पक्ष का मामला पुरातत्व रिपोर्ट के नजरिये पर टिका हुआ है.

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अभी तक किस-किस ने रखा पक्ष?

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त से राम मंदिर मामले पर रोजाना सुनवाई हो रही है. तभी से रामलला, रामजन्मभूमि, हिंदू महासभा की ओर से दलील रखी जा चुकी है. वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन तर्क रख चुके हैं, अब मीनाक्षी अरोड़ा ASI रिपोर्ट पर दलीलें रख रही हैं.

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