बीजेपी ने जारी किया MP-MLA के लिए गाइडलाइंस, कहा- पत्रकारों से रखें दोस्ती और अच्छे संबंध

संक्षेप:

  • बीजेपी ने एमपी-एमएलए के निजी सचिवों को थमाई 65 पन्नों की गाइडलाइन
  • कहा- `पत्रकारों से बनाकर चलें`
  • बीजेपी की विचारधारा और इतिहास के बारे में भी बताया गया

भारतीय जनता पार्टी अपने सांसदों और विधायकों की सोशल मीडिया पर उपस्थिति को लेकर कितनी फिक्रमंद है, इसका उदाहरण तभी सामने आ गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मार्च के महीने में बीजेपी सांसदों को फेसबुक पर तीन लाख जेनुइन लाइक्स लाने को कहा था.

लेकिन अब पार्टी ने सांसदों और विधायकों के निजी सचिवों और सहायकों को भी इस टास्क में जुट जाने को कहा है. इसके अलावा इन नेताओं के निजी स्टाफ को पत्रकारों से भी दोस्ती और अच्छे संबंध बनाकर चलने की सलाह दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने सांसदों और विधायकों के निजी सचिवों और सहायकों को कहा है कि न्यूज रिपोर्टरों के साथ अपने ऑफिस में बैठकर गप्पे मारने के बजाय अपने सांसद या विधायक की सोशल प्रोफाइल को मेंटेन करने में ध्यान दें. सोशल मीडिया पर उन प्रोफाइलों का डेटाबेस तैयार करें और उन पर नजर रखें, जो नए फॉलोवर्स हों और जो बीजेपी की विचारधारा और दर्शन को समझते हों.

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बीजेपी इनके लिए एक दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चला रही है. दिल्ली में गुरुवार और शुक्रवार को ये ट्रेनिंग प्रोग्राम देश भर के बीजेपी सांसदों और विधायकों के निजी सचिवों और सहायकों के लिए कराया जा रहा है. बीजेपी सार्वजनिक रूप से अपने नेताओं को किसी शर्मिंदा करने वाली घटना से बचाने के लिए उनके सचिवों को ये ट्रेनिंग दे रही है.

इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान एक 65 पेजों की गाइडलाइन बुक रिलीज की जाएगी, जिसमें टूर ऑर्गनाइज करने, चुनावी क्षेत्रों के काम, सांसदों और विधायकों के फंड के इस्तेमाल, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और पर्सनल डेवलपमेंट पर काम करने के निर्देश और सलाह दिए जाएंगे. इसके अलावा उन्हें जनता और वोटरों की शिकायतों को संभालने के तरीके भी बताए जाएंगे.

इस गाइडबुक में बीजेपी की विचारधारा और इतिहास के बारे में बताया गया है. इसमें बीजेपी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, पार्टी के लिए अंदरूनी और बाहरी खतरों और सरकार की आर्थिक नीतियों के बारे में बताया गया है.

इसी गाइडबुक में एक अध्याय है- मीडिया/सोशल मीडिया इंगेजमेंट. इस चैप्टर में इन निजी सचिवों और सहायकों के लिए लिखा गया है, `पार्टी निजी सचिवों और सहायकों को याद दिलाती है कि ये तय करना उनकी अहम ड्यूटी है कि मीडिया में उनके ऑफिस की अच्छी छवि बने. आपके सीनियर मीडिया के हर कॉल का जवाब देने और छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने में सक्षम नहीं हो सकते. आप उनका चेहरा हैं. आप उनके ऑफिस और मीडिया और जनता के बीच के पुल हैं.`

निजी सचिवों और सहायकों को मीडिया कर्मचारियों से आदर के साथ मिलने की सलाह दी गई है. इसमें कहा गया है कि पत्रकारों को हमेशा अच्छे मूड में रखिए, उनसे सद्भाव बनाकर रखिए. उन्हें बहुत इंतजार मत करवाइए. याद रखिए कि एक निजी सचिवों और सहायकों को मीडिया से सीधे बात नहीं करनी होती लेकिन आप उनसे अच्छे संबंध बनाकर चलें और उन्हें कभी कोई आधिकारिक बयान न दें.

इस गाइडबुक में सांसदों और विधायकों के सोशल मीडिया पेजों को कैसे हैंडल करना है, उसकी सलाह भी दी गई है. इसमें कहा गया है कि `ये ध्यान रखिए कि आप अनावश्यक रूप से आधिकारिक पोस्ट में लोगों या दूसरे पेजों को टैग न करें.`

सबसे आखिरी में पार्टी की तरफ से एक चेतावनी रूपी संदेश दिया गया है कि `आपको ये याद रखना चाहिए कि बीजेपी दूसरी पार्टियों जैसी नहीं है. हमारे पास एक परिभाषित विचारधारा है, एक विस्तृत काडर बेस है, काम करने का विशिष्ट तरीका है और देश को एक सुनहरे भविष्य की ओर ले जाने की योजना है. आपके काम में भी ये दिखना चाहिए कि हम `पार्टी विद अ डिफरेंस` हैं.`

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