मायावती ने छोड़ा सरकारी बंगला, स्पीड पोस्ट से सरकार को भेजी चाबी

संक्षेप:

  • मायावती ने छोड़ा सरकारी बंगला
  • स्पीड से सरकार को भेजी चाबी
  • बकाया बिजली बिल भी चुकाया

लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्व सीएम की हैसियत से मिले एक सरकारी बंगले 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को खाली करके उसकी चाबी स्पीड पोस्ट से सरकार को भेज दी है। बंगले पर बकाया 73 लाख का बिजली का बिल भी जमा करके उसकी रसीद भी सरकार को दे दी गई है।

फिलहाल अभी मायावती जिस बंगले में रह रही हैं वो कांशीराम स्मारक है। उसे खाली करने के लिए मायावती ने समय मांगा है। मायावती के निजी सचिव मेवालाल गौतम ने बुधवार को एक प्रेस नोट में कहा कि `सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुये उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 29 मई को लालबहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला नंबर छह खाली कर दिया है। यह बंगला उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवंटित किया गया था।’

मेवालाल गौतम ने पत्र में बताया है कि स्पीड पोस्ट रिसीव हो गया है और पत्र के साथ साक्ष्य के तौर पर 6, कालिदास मार्ग के बिजली के बिल भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में एक लिखित पत्र राज्य सम्पत्ति अधिकारी तथा अवर अभियन्ता सिविल लोकनिर्माण विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया गया है। गौतम ने कहा कि राज्य सम्पत्ति अधिकारी ने 29 मई को इस बाबत पत्र और चाबियां लेने से इंकार किया था।

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लिहाजा यह पत्र और मकान की चाबियां उन्हें स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दी गयी जो बुधवार को उन्हें प्राप्त हो गयी है। पिछले हफ्ते बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मिला था और दावा किया था कि जिस बंगले को खाली करने को कहा जा रहा है वह 2011 में कांशीराम स्मारक के नाम पर बदल दिया गया था और मायावती के पास उस बंगले में केवल दो कमरे है।

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जब मायावती को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था उसके बाद बसपा ने 21 मई को सरकारी बंगले के बाहर ` कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल`का बोर्ड लगा दिया था। मुख्यमंत्री से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टी महासचिव सतीश मिश्र के मुताबिक नोटिस 13—ए माल एवेन्यू को खाली कराने का मिला है जो मायावती के नाम नहीं आवंटित है ।

जबकि पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें छह—लाल बहादुर शास्त्री मार्ग का बंगला आवंटित है, जिसके लिए कोई नोटिस नहीं मिला। आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्य संपत्ति अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया था।

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