Exit Poll ने महागठबंधन के उम्मीद पर फेरा पानी, अब सोनिया गांधी से नहीं मिलेगी मायावती

संक्षेप:

  • लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों में उत्तर प्रदेश में बड़े उलटफेर का अनुमान लगाया जा रहा है.
  • एग्जिट पोल्स के नतीजे आने से पहले तक विपक्ष को उम्मीद थी कि वह एनडीए को रोकने में सफल रहेगा.
  • ऐसे में महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है.

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों में उत्तर प्रदेश में बड़े उलटफेर का अनुमान लगाया जा रहा है. पहले यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने में `यूपी के लड़के` (अखिलेश यादव -राहुल गांधी) फेल हुए. अब बुआ-भतीजा (अखिलेश-मायावती) की जोड़ी भी पूरी तरह से नाकाम होती नज़र आ रही है. रविवार को आए अलग-अलग एग्जिट पोल्स में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन पर नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी बाज़ी मारते दिखाया गया. सिर्फ एक एग्जिट पोल में ही महागठबंधन को अच्छा प्रदर्शन करते बताया गया है. ऐसे में महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है.

एग्जिट पोल्स के नतीजे आने से पहले तक विपक्ष को उम्मीद थी कि वह एनडीए को रोकने में सफल रहेगा. इस स्थिति में गैर बीजेपी मोर्चे की सरकार बनाने के लिए विपक्ष की कवायद रविवार को दिनभर जारी रही. इसी बीच खबर आई कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मिलने सोमवार को नई दिल्ली पहुंच सकती हैं, लेकिन अब बीएसपी की तरफ से सतीश चंद्र मिश्रा ने ऐसी खबर से साफ इनकार किया है.

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सोनिया गांधी से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं

बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के हवाले से जानकारी आई है कि मायावती का आज दिल्ली आने का कोई प्रोग्राम नहीं है, न ही कोई मीटिंग प्रस्तावित है. बीएसपी सुप्रीमो लखनऊ में ही हैं और पार्टी के कार्यक्रम में बिज़ी हैं. बीएसपी के इस स्टैंड को एग्जिट पोल के नतीजे से जोड़कर देखा जा रहा है.

प्रचार के दौरान कांग्रेस-बीजेपी पर हमलावर रही हैं मायावती

बता दें, मायावती ने प्रचार के दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर लगातार हमला करती रही हैं. मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा है. हालांकि, यूपी के गठबंधन में कांग्रेस को बाहर रखने के बाद भी बीएसपी सुप्रीमो ने अपने समर्थकों से अपील की थी कि राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली में कांग्रेस को वोट दें. एसपी-बीएसपी ने इन दोनों सीटों से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे.

विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं चंद्रबाबू नायडू

वैसे गैर बीजेपी मोर्चे की कवायद की बात करें तो जहां एक तरफ टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं.

अखिलेश ने कही थी कांग्रेस को समर्थन देने की बात

रविवार को मीडिया से बातचीत में सपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीबों, किसानों, देश और भाईचारे की बात करने वाली पार्टियां 23 मई के बाद देश को नया पीएम देने के प्रयास में हैं. इसके लिए टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू सभी नेताओं से बात कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दिया जाएगा. अखिलेश ने दावा किया कि यूपी में महागठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी.

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