कौशांबी में अवैध खनन के 'सिंडीकेट' को बेनकाब करने में जुटी सीबीआई ने तेज की कार्रवाई
- समाजवादी पार्टी की सरकार में कौशाम्बी में हुए अवैध बालू खनन की जांच सीबीआई अफसरों ने तेज कर दी है.
- रविवार को सीबीआई के अफसरों ने एक क्लर्क और चपरासी के साथ अवैध खनन में लिप्त लोगों के रहने वाले स्थानों पर छापे मारकर जानकारी जुटाई.
- अफसरों ने यहां पर मकान के मालिकों और स्थानीय लोगों से काफी देर तक पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं
समाजवादी पार्टी की सरकार में कौशाम्बी में हुए अवैध बालू खनन की जांच सीबीआई अफसरों ने तेज कर दी है. रविवार को सीबीआई के अफसरों ने एक क्लर्क और चपरासी के साथ अवैध खनन में लिप्त लोगों के रहने वाले स्थानों पर छापे मारकर जानकारी जुटाई. अफसरों ने यहां पर मकान के मालिकों और स्थानीय लोगों से काफी देर तक पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं. सीबीआई की पूछताछ के बाद लोगों ने बताया कि सीबीआई के अफसर उनसे यह पूछ रहे थे कि जो भी लोग यहां रह रहे थे उनका प्रोफाइल, हुलिया और पहनावा आदि कैसा था.
सीबीआई की जांच में अब तक कौशाम्बी के डेढ़ दर्जन से अधिक बालू के खनन में लिप्त लोगों के बयान दर्ज कर किए जा चुके हैं. इसके साथ ही तत्कालीन एसडीएम गणेश प्रसाद, खनन अधिकारी अरविंद कुमार को तलब कर पूछताछ कर चुकी है. बालू खनन की जांच कर रही सीबीआई का सारा फोकस ‘सिंडीकेट’ पर है. सीबीआई ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर सिंडीकेट किसके बूते पर यहां सक्रिय था और खनन करवा रहा था. सिंडीकेट के मददगार लोग कौन थे, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.
संतोष तिवारी के मुताबिक सीबीआई ने हमने सिंडिकेट के बारे में पूछा है कि यह कौन लोग हैं, कितने लोग थे. सीबीआई के पास कुछ लोगों की फोटो है जिसको दिखाकर यह पहचान कराने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह लोग लिप्त थे. अब तक एसडीएम गणेश प्रसाद और खनन अधिकारी अरविन्द कुमार से पूछताछ की जा चुकी है और भी लोग बुलाए जा सकते हैं. हमको भी पहचान कराने के लिए बुलाया गया था. तत्कालीन जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह के बारे में भी पूछा गया है कि उनके सिंडिकेट से कैसे रिश्ते थे.
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