विवेक तिवारी हत्याकांड: नहीं होगी सीबीआई जांच, आरोपियों के पक्ष में सिपाहियों ने बांधी काली पट्टी

संक्षेप:

  • विवेक तिवारी हत्याकांड
  • नहीं होगी CBI जांच
  • आरोपियों के पक्ष में काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे सिपाही

लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका को उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. अधिवक्ता समशेर यादव जगराना ने इस हत्यकांड को लेकर एक याचिका उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की थी. कहा था कि इस मामले में पुलिसकर्मी खुद अभियुक्त है, अतः इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाए.

वहीं सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद शाही ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में मारे गए विवेक तिवारी की पत्नी खुद पढ़ी लिखी और दुनिया को देखने वाली औरत, और जब वो खुद कह रही हैं कि इस मामले में चल रही जांच से वो संतुष्ट हैं तो इस मामले सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है. चीफ जस्टिस भोसले की बेंच ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज़ कर दिया.

वहीं विवेक तिवारी हत्याकांड में जेल में बंद दो सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को लखनऊ के पुलिसकर्मी काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर पहुंचे. गुडंबा और नाका पुलिस स्टेशन पर कई सिपाही हाथों में काली पट्टी बांधे नजर आए. काली पट्टी बांधे सिपाहियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

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गौरतलब है कि कुछ संगठनों ने 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने की मुहिम सोशल मीडिया पर शुरू की थी. इसका असर राजधानी में देखने को मिला. हालांकि इस बीच सोशल मीडिया पर विरोध का स्वर मुखर करने वाले दो बर्खास्‍त सिपाहियों अविनाश पाठक और विजेंद्र यादव की गिरफ्तारी की बात भी सामने आ रही है.

कहा जा रहा है कि डीजीपी के निर्देश के बाद दोनों को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया है.इससे पहले गुरुवार को डीजीपी ओपी सिंह ने काला दिवस मनाए जाने के ऐलान पर अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश भी दिया था. डीजीपी ओपी सिंह ने मामले में कहा कि यूपी में कहीं भी सिपाहियों के विरोध की स्थिति नहीं है. हालांकि साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमारे अधिकारी सिपाहियों से वार्ता कर रहे हैं.

डीजीपी ने कहा कि सभी सिपाही खुश हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी गैरकानूनी काम करेगा, तो उस पर कार्रवाई होगी. हमारे जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है. मुझे अपने जवानों पर विश्वास है और वे कोई ग़ैरकानूनी काम नहीं करेंगे. डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक फोटो चल रही है. बनारस की दो साल पहले की फोटो चल रही है.

इस बीच लखनऊ हजरतगंज थाने में सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार करने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है. उधर फेसबुक पर डीजीपी को चुनौती वाली पोस्ट शेयर करने वाले सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. सर्वेश चौधरी ने फेसबुक पर वीडियो डालकर बर्खास्त करने की चुनौती दी थी. उसने कहा था कि "मैंने प्रशांत चौधरी के पत्नी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं. मुझे बर्खास्त कर दो."

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